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फर्जीवाड़ा कर बैंक से लोन लेने में 61 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक से फर्जीवाड़ा कर लोन लेने के मामले में 61 लोगों पर केस दर्ज हुआ है। बैंक मैनेजर ने मुकदमा दर्ज कराया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 02:39 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 02:39 PM (IST)
फर्जीवाड़ा कर बैंक से लोन लेने में 61 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
फर्जीवाड़ा कर बैंक से लोन लेने में 61 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

प्रयागराज : फर्जीवाड़ा कर बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक से लाखों रुपये लोन लेने के मामले में जार्जटाउन पुलिस ने 61 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना के आरोप में केस दर्ज किया। किस्त नहीं मिलने पर बैंक अधिकारियों ने गोपनीय जांच की तो यह सच्चाई जान चौंक गए। पता चला कि लोन लेने वाला शख्स ही नहीं, बल्कि गारंटर भी फर्जी दस्तावेज जमा किए हैं। इसके बाद फतेहपुर बिछुआ शाखा के शाखा प्रबंधक नरेंद्र कुमार मिश्रा ने पुलिस अधिकारियों को तहरीर दी थी।

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क्या था मामला

पुलिस के मुताबिक अल्लापुर निवासी कमलेश कसेरा पुत्र सुरेंद्र ने 23 मार्च 2017 को बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक फतेहपुर बिछुआ शाखा से 3.85 लाख रुपये का लोन लिया था। उसने खुद को प्राइमरी स्कूल का शिक्षक बताया था। उसके गारंटर जमुना प्रसाद, सुधीर कुमार थे। उच्च शिक्षा निदेशालय में वरिष्ठ सहायक बताकर सदाशिव पंडित ने भी 5.85 लाख रुपये का ऋण लिया था। इसी तरह कई अन्य ने भी खुद को सरकारी व निजी संस्थान का अधिकारी, कर्मचारी बताकर अलग-अलग तिथियों में लाखों रुपये लोन लिया और किस्त नहीं जमा की। पुलिस ने कमलेश कसेरा, सुधीर कुमार, सदाशिव, अंकित कुमार, राजकुमार गौड़, ऋषभ चंद्र, राजकुमार, धरम, अशोक, विवेक, अष्ट सिद्ध कुमार, अरुण पांडेय, रवि गुप्ता, सोहन लाल, यशराज, रेशमा, प्रदीप समेत 61 लोगों को नामजद किया है।

एसएसपी ने कहा, जांच की जाएगी

एएसपी सुकीर्ति माधव का कहना है कि तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। सच्चाई का पता लगाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

रेलकर्मी से अधिशासी अभियंता तक

इंस्पेक्टर जार्जटाउन निशिकांत राय का कहना है कि फर्जीवाड़ा करने वालों ने गलत पदनाम और फर्जी वेतन पर्ची का इस्तेमाल किया था। गारंटर ने भी धोखाधड़ी में सहयोग किया। किसी ने खुद को उत्तर मध्य रेलवे का सहायक लिपिक तो किसी ने राज्य सेतु निगम का परियोजना प्रबंधक बताया था। पीडब्ल्यूडी, श्रम विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, राज्य कर्मचारी बीमा निगम, पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, नगर निगम, शुआट्स समेत अन्य कई संस्थान का अधिकारी बनकर फर्जीवाड़ा किया गया है।


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