Labor Benefit Center in Prayagraj : केंद्र पर पीएसी जवानों ने किया कब्जा, मजदूरों ने सीएम से लगाई गुहार
Labor Benefit Center in Prayagraj पीएसी के अधिकारियों ने केंद्र पर बाहर से आए जवानों को ठहरने के लिए कुछ दिन के लिए लिया था लेकिन अब वह कब्जा छोड़ने को तैयार नहीं। श्रम विभाग को प्रार्थना पत्र देने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
प्रयागराज, जेएनएन। नैनी में राजकीय श्रम हितकारी केंद्र स्थित है। इस श्रमकारी केंद्र के परिसर में 42वीं वाहिनी पीएसी के जवानों का इन दिनों कब्जा है। पीएसी के जवानों के यहां से नहीं हटने से श्रमिकों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। श्रमिक अवैध कब्जा हटवाए जाने को लेकर आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए लामबंदी शुरू कर दी है। इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी शिकायत की गई है।
श्रम हितकारी केंद्र से जुड़े लोगों का कहना है कि पीएसी के अधिकारियों ने केंद्र पर बाहर से आए जवानों को ठहरने के लिए कुछ दिन के लिए लिया था, लेकिन अब वह कब्जा छोड़ने को तैयार नहीं हैं। श्रम विभाग को प्रार्थना पत्र देने के बावजूद भी कोई कार्यवाही ना होने से श्रमिकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। केंद्र परिसर में कूड़ा फेंकने, बच्चों के खेलकूद के मैदान पर टेंट लगाने आदि के विरोध में श्रमिक कल्याण समिति ने ज्ञापन भेजा गया।
समिति के सचिव विनय मिश्रा के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत प्रमुख सचिव श्रम, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ श्रमायुक्त उत्तर प्रदेश, जीटी रोड, कानपुर, पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश, लखनऊ, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पीएसी, महानगर लखनऊ, मंडलायुक्त, उपश्रमायुक्त प्रयागराज परिक्षेत्र, सेनानायक 42वी वाहिनी पीएसी नैनी,उपजिलाधिकारी करछना, क्षेत्राधिकारी करछना, प्रभारी निरीक्षक थाना नैनी, प्रयागराज को पत्र भेजा है। पत्र के माध्यम से कहा गया है कि पांच दिन पूर्व इस समस्या से उप श्रमायुक्त को अवगत कराया जा चुका है।
कहा गया है कि उच्चाधिकारियों द्वारा पीएसी बल की अनुशासनहीनता के विरूद्ध अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किए जाने से 42वीं वाहिनी पीएसी की ओर से ज्यादगी की जा रही है। पत्र के माध्यम से चेतावनी दी गई है कि यदि 42वीं वाहिनी पीएसी के अमानवीय बर्ताव को नहीं रोका गया तो विवश होकर स्थानीय जनता द्वारा मजदूर हित में व्यापक आंदोलन होगा। धरना-प्रदर्शन के साथ ही उच्चाधिकारियों को ज्ञापन देकर इस समस्या के निराकरण की मांग की जाएगी। राजकीय श्रम हितकारी केंद्र का पुराना स्वरूप जब तक बहाल नहीं होगा, तब तक मजदूरों का शांतिपूर्ण आंदोलन चलता रहेगा। आंदोलन को सफल बनाने के लिए आगामी 27 नवंबर को मानस पार्क में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए बैठक का आयोजन होगा। इसमें संघर्ष की अगली रूपरेखा निर्धारित की जाएगी।