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दूसरे धर्मों में जाकर पछताने वालों की घर वापसी का साक्षी बनेगा कुंभ

भय, लोभ अथवा उपेक्षा के चलते अतीत में दूसरा धर्म अपनाने वाले लोग अब पुन:हिंदू धर्म में घर वापसी कर सकेगे। कुंभ में ऐसे लोग 'घर वापसी' करेंगे।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 04 Aug 2018 06:26 PM (IST)Updated: Sun, 05 Aug 2018 04:38 PM (IST)
दूसरे धर्मों में जाकर पछताने वालों की घर वापसी का साक्षी बनेगा कुंभ
दूसरे धर्मों में जाकर पछताने वालों की घर वापसी का साक्षी बनेगा कुंभ

इलाहाबाद (जेएनएन)। भय, लोभ अथवा उपेक्षा के चलते अतीत में दूसरा धर्म अपनाने वाले लोग अब पुन:हिंदू धर्म में घर वापसी कर सकेगे। कुंभ में ऐसे लोग 'घर वापसी' करेंगे। इस दिशा में प्रयासरत जूना अखाड़ा के जगद्गुरु पंचानन गिरि का कहना है कि प्रयाग कुंभ तक हिंदू धर्म में लौटने वालों की संख्या और बढ़ेगी। समझा जाता है कि धर्म परिवर्तन करने के बाद बहुत लोगों को पछतावा भी है। वह अपने मूल धर्म में वापस आना चाहते हैं। ऐसे लोगों को पुनः हिंदू धर्म में शामिल किया जाएगा।

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कन्हैया प्रभुनंद गिरि को कमान 

धर्मांतरण करने वाले लोगों की हिंदू धर्म में वापसी के लिए जूना अखाड़ा देशभर में संपर्क अभियान चला रहा है। इसकी कमान अनुसूचित जाति से आने वाले महामंडलेश्वर कन्हैया प्रभुनंद गिरि को सौंपी गई है। वह ईसाई, बौद्ध व मुस्लिम धर्म अपनाने वाले लोगों से मिलकर उन्हें धार्मिक, सामाजिक संरक्षण देने का दिलासा देकर पुन: हिंदू धर्म में आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। कन्हैया के संपर्क में आकर धर्मांतरण करने वाले 340 लोग हिंदू धर्म में लौटने को तैयार हैं। इसमें 185 बौद्ध, 125 ईसाई व बाकी मुस्लिम हैं। सबसे अधिक 140 लोग पूर्वांचल के हैं। मध्य प्रदेश के 40, गुजरात के 34, पंजाब के 46, महाराष्ट्र के 80 के लोग भी ऐसा कर सकते हैं। 

बनाए जाएंगे महामंडलेश्वर  

कुंभ में दूसरा धर्म ग्रहण करने वाले अनुसूचित जाति के लोगों का संगम तट पर मुंडन कराकर स्नान कराया जाएगा। महिलाओं का मुंडन नहीं होगा, उन्हें सिर्फ स्नान करना होगा। फिर सामूहिक पूजन कराकर हिंदू धर्म में वापसी कराई जाएगी। कन्हैया प्रभुनंद बताते हैं कि अनुसूचित जाति के कुछ महात्मा लंबे समय से हिंदू धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। अखाड़ा उन्हें महामंडलेश्वर बनाकर सम्मानित करेगा। ऐसे आठ महात्मा हैं, जिसमें अनुसूचित जाति की तीन महिलाएं हैं। 

देंगे तुलसी-गीता, रुद्राक्ष की माला

हिंदू धर्म अपनाने वाले लोगों को तुलसी का पौधा, गीता की पुस्तक, रुद्राक्ष की माला भेंट की जाएगी। साथ ही हिंदू धर्म के तीज-त्यौहार, संस्कार पर आधारित पुस्तक भी देंगे, जिससे वह खुद धर्म से जोड़ सकेंगे। महामंडलेश्वर कन्हैया प्रभुनंद गिरि कहते हैं कि हिंदू एक रहे, जाति-भेद में न बंटे, यह मुहिम तेज होगी। उन्हें काफी धनाढ्य लोग भी मिले जो बौद्ध, ईसाई व मुस्लिम बने हैं। उन्हें जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करके प्रताडि़त किया जाता था। ऐसे लोगों को वह पूरा सहयोग देंगे, जो उन्हें प्रताडि़त करेगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कराई जाएगी। 

कृषि कुंभ में आएंगे 50 हजार किसान

अगले साल इलाहाबाद में आयोजित होने वाले कुंभ के पहले यहां भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में भी एक और कुंभ का आयोजन होगा। 26 से 28 अक्टूबर तक कृषि और संबंधित विभागों की ओर से आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम को कृषि कुंभ का नाम दिया गया है। इसमें 50 हजार किसानों के आने की उम्मीद है। गोष्ठी के अलग-अलग सत्रों में किसान देश और विदेश के जाने-माने कृषि वैज्ञानिकों से रूबरू होंगे। कहां क्या बेहतर हो रहा है इसे देखेंगे, समझेंगे और वापस जाकर करने का प्रयास करेंगे। कार्यक्रम स्थल पर लगने वाली प्रदर्शनी इसमें उनकी मददगार होगी। कार्यक्रम की तैयारियों के लिए बैठक में आयोजन की तैयारियों के लिए अलग-अलग समितियां गठित की गईं। प्रशासन से आने वालों के लिए पार्किंग और ठहरने की उचित व्यवस्था की भी अपेक्षा की गई।


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