Kumbh: मकर संक्रांति पर संगम स्नान को उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, आंकड़ा डेढ़ करोड़ के करीब
संगमनगरी प्रयागराज में शाही स्नान के साथ कुंभ 2019 विधिवत आरंभ हो गया। यहां पर आज करीब डेढ़ करोड़ लोगों ने मकर संक्रांति पर संगम स्नान किया।
प्रयागराज, जेएनएन। संगमनगरी में शाही स्नान के साथ ही कुंभ 2019 विधिवत शुरू हो गया। संगम तट आज करीब डेढ़ करोड़ लोगों ने मकर संक्रांति पर स्नान किया। बड़ी संख्या में श्रद्धालु बीती रात से ही कुंभ नगरी में एकत्र थे। कुंभ के प्रथम शाही स्नान पर श्रद्धालुओं का पुण्य की डुबकी लगाने का क्रम शाम तक जारी रहा। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि मकर संक्रांति स्नान रात्रि लगभग ढाई बजे शुभ मुहूर्त से शुरू हो गया था। अभी पांच स्नान पर्व शेष हैं। अगला स्नान पर्व 21 जनवरी को होगा।
दरअसल, सूर्य उत्तरायण होने पर त्रिवेणी तट पर साध्य, साधना और साधक का अद्भुत संगम देखने को मिला। प्रथम शाही स्नान पर अखाड़ों में अनुशासन, परंपरा व समर्पण नजर आया। जनता-जनार्दन को अखाड़ों की भव्यता के साथ संस्कार व संस्कृति का दर्शन हुआ। अनुशासन के लिए हर अखाड़े के प्रमुख महात्मा सक्रिय रहे। हर अखाड़े के संतों ने सर्वप्रथम अपने आराध्य को डुबकी लगवाई, उसके बाद अस्त्र-शस्त्र और फिर खुद स्नान किया। पहले स्नान पर्व पर 1.40 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम स्नान किया जबकि एक दिन पहले सोमवार को करीब 56 लाख लोगों ने डुबकी लगाई थी। दोनों दिन मिलाकर करीब दो करोड़ लोगों ने संगम में मकर स्नान किया। आज सुबह का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम होने के बावजूद उत्साह का आधिक्य बना रहा।
तस्वीरों में देखें-दिव्य-भव्य कुंभ
प्रमुख स्नान पर्व
- मकर संक्रांति
- पौष पूर्णिमा
- मौनी अमावस्या
- वसन्त पंचमी
- माघी पूर्णिमा
- महाशिवरात्रि
Kumbh 2019 मकर संक्रांति के पर्व पर संगम पर स्नानार्थियों का सैलाब उमड़ पड़ा। यह सैलाब आधी रात से ही संगम और विविध घाटों पर पहुंच गया था और शुभ मुहूर्त में ही डुबकी लगानी शुरू कर दी। कुंभ मेला का पहला शाही स्नान भी आज था जो शांतिपूर्वक निपटा। अखाड़ों के शाही स्नान का क्रम शाम तक चलता रहा। अखाड़ों के लिये अलग अलग समय स्नान के लिए निर्धारित किया गया है। हर अखाड़े के लिए करीब 40 मिनट का समय तय था। सब कुछ करीब-करीब निर्धारित समय के साथ ही चला।
Prayagraj Kumbh दरअसल, भोर से ही अखाड़ों का शाही स्नान देखने के लिए वहां पर श्रद्धालुओं ने काफी इंतजार भी किया। अखाड़ों के स्नान के लिए संगम घाट को भी खाली कराया गया ।जहां एक ओर अखाड़े शाही स्नान करते दिखे वहीं करोड़ों श्रद्धालु भी संगम की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाते नजर आए। परंपरा के मुताबिक, सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़ा ने सुबह 6.15 बजे शाही स्नान किया। सबसे बड़े अखाड़े ने संगम में शान से स्नान किया। महामंडलेश्वर, मण्डलेश्वर, श्रीमहंत, महंत शाही सवारी से संगम पहुंचे। बड़ी संख्या में नागा सन्त नाचते जयकारा लगाते संगम पहुंचे। किन्नर अखाड़ा भी जूना में शामिल हुआ।
Prayagraj Kumbh इसके बाद अटल अखाड़े के महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, महंत व श्रीमहंत ने शाही स्नान किया। उसके बाद निरंजनी और आनन्द अखाड़ा। तीसरे क्रम में यहां पर जूना अखाड़े के साथ ही अग्नि व आवाहन अखाड़े के साधु-संतों ने शाही स्नान किया। इसके बाद तीनों वैष्णव अणी अखाड़े दिगम्बर, निर्मोही और निर्वाणी अखाड़ा स्नान किया। अब दोनों बैरागी अखाड़े नया उदासीन और बड़ा उदासीन अखाड़े के स्नान की बारी आई। अंत में निर्मल अखाड़े के संतों ने स्नान किया।
Prayagraj Kumbh किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायन त्रिपाठी की अगुवाई में किन्नर संन्यासी भी शाही स्नान के कारवां में शामिल हुए। जूना के साथ किन्नर अखाड़ा के आ जाने से भव्य आकर्षण रहा। सुरक्षा में जवान तैनात रहे। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही। सबसे बड़े अखाड़े ने स्नान किया। अनुमान के मुताबिक आज करीब डेढ़ करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने का अनुमान लगाया गया था। कुंभ में छह शाही स्नान 55 दिनों तक चलेगा। इस दौरान करीब 15 करोड़ लोग संगम में आस्था की डुबकी लगाते हुए पुण्य कमाएंगे। पहाड़ों पर बर्फबारी के प्रभाव से उपजी शीतलहर के बावजूद संगम किनारे जनसैलाब उमड़ा। यहां पर लोग दान-पुण्य भी करते दिखे । सुरक्षा व्यवस्था काफी मुस्तैद दिखी।
अक्षयवट परिसर में प्रवेश बंद रहा
अपर कुंभ मेला अधिकारी दिलीप त्रिगुणायत ने बताया कि पहला शाही स्नान तथा मकर संक्रांति पर भारी भीड़ के कारण 15 और 16 जनवरी को श्रद्धालु अक्षयवट का दर्शन नहीं कर सकेंगे। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते पुलिस ने यह फैसला किया है। समझा जाता है कि भारी भीड़ को देखते लगभग सभी बड़े स्नान पर्वों पर अक्षयवट के दर्शन नहीं हो सकेंगे।
सवा दो करोड़ लोग पहुंचेः योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मकर संक्रांति पर प्रयागराज कुंभ के पहले शाही स्नान के सकुशल संपन्न होने पर संतों, धर्माचार्यों, श्रद्धालुओं, मेला प्रशासन और व्यवस्था से जुड़े अन्य विभागों और संस्थाओं के प्रति आभार जताया है। आस्था और श्रद्धा के इस महाआयोजन को सकुशल संपन्न कराने में सबका पूरा सहयोग रहा। उम्मीद जतायी कि आगे के आयोजन में भी सबका इसी तरह सहयोग मिलता रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम शाही स्नान पर कुंभ मेला क्षेत्र सहित प्रयागराज में 2.25 करोड़ लोगों का आना खुद में रिकार्ड है।