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OTP भेजने के नाम पर Pratapgarh के कोटेदार अनाज कर रहे हजम, ग्राहकों का मोबाइल नंबर सबमिट करके राशन का कर रहे घोटाला

प्रतापगढ़ में लाख सख्ती के बाद भी कोटेदार राशन वितरण में गड़बड़झाला से बाज नहीं आ रहे हैं। ई-पॉस पर अंगूठा लगाने के अलावा प्राक्सी के जरिए भी कोटेदारों को वितरण करने की छूट दी गई है लेकिन कोटेदारओटीपी भेजने के नाम राशन वितरण में गड़बड़झाला कर रहे हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 12 Mar 2021 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 12 Mar 2021 11:50 AM (IST)
OTP भेजने के नाम पर Pratapgarh के कोटेदार अनाज कर रहे हजम, ग्राहकों का मोबाइल नंबर सबमिट करके राशन का कर रहे घोटाला
अगर कार्डधारकों ने राशन न मिलने का बयान दिया तो कोटेदारों के विरुद्ध कार्रवाई होनी तय है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ में लाख सख्ती के बाद भी कोटेदार राशन वितरण में गड़बड़झाला करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ई-पॉस पर अंगूठा लगाने के अलावा प्राक्सी के जरिए भी कोटेदारों को वितरण करने की छूट दी गई है, लेकिन कोटेदार प्राक्सी यानि मोबाइल नंबर से ओटीपी भेजने के नाम राशन वितरण में गड़बड़झाला  कर रहे हैं। जब निर्धारित मानक से अधिक राशन वितरण प्राक्सी के माध्यम से किया गया तो शासन ने कई कोटेदारों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। ऐसे कोटेदार जांच के दायरे में आ गए हैं। अगर कार्डधारकों ने राशन न मिलने का बयान दिया तो कोटेदारों के विरुद्ध कार्रवाई होनी तय है।  

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मानक के विपरीत राशन वितरण करने पर नपेंगे कई कोटेदार 

प्रतापगढ जिले में 17 ब्लाक हैं। इसमें सदर, मानधाता, संडवा चंद्रिका, गौरा, शिवगढ़, मंगरौरा, बाबा बेलखरनाथ धाम, आसपुर देवसरा, पट्टी, बिहार, कुंडा सहित अन्य ब्लाक शामिल हैं। इसके अंतर्गत ब्लाकों की सभी ग्राम पंचायतों में पांच लाख से अधिक राशनकार्ड धारक हैं। इसमें करीब 70 हजार अंत्योदय के कार्डधारक है, बाकी के पात्र गृहस्थी के कार्डधारक हैं। पात्र गृहस्थी के कार्डधारकों को प्रति यूनिट पर पांच किलो राशन मिलता है, जबकि अंत्योदय के प्रत्येक कार्ड पर करीब 35 किलो राशन दिया जाता है। इसमें गेहूं व चावल शामिल रहता है। ई-पॉस से राशन वितरण किए जाने के निर्देश से वितरण व्यवस्था में काफी पारदर्शिता आई है। कोटेदारों को यह भी विकल्प दिया गया है कि अगर ई-पॉस में खराबी है। सर्वर की समस्या है तो वह कार्डधारक का मोबाइल नंबर ई-पॉस में सबमिट करके ग्राहक के मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी के माध्यम से उनको राशन दे सकते हैं। दर्जनों दुकानों पर मामूली तौर पर इस तरह से राशन वितरण किया जा रहा है, लेकिन इन दिनों कई कोटेदार ओटीपी भेजने के नाम पर राशन का गड़बड़झाला कर रहे हैं। हाल में ही शासन को जो ऑनलाइन रिपोर्ट मिली तो जांच करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि कार्डधारकों के बयान पर ही सब कुछ तय होगा। डीएसओ रीना कुमारी ने बताया कि अधिक प्राक्सी करने वाले कोटेदारों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी।   

इस तरह से होती है प्राक्सी 

अगर ई-पॉस मशीन में खराबी है। काम नहीं कर रहा है तो ई-पॉस मशीन की वेबसाइट पर कार्डधारक का मोबाइल नंबर सबमिट किया जाता है। इसके बाद कार्डधारक के मोबाइल नंबर पर मैसेज आता है। उस नंबर को उसमें सबमिट किया जाता है। इसके बाद उनको राशन दिया जाता है। हालांकि कोटेदार ऐसा नहीं कर रहे हैं। जो कार्डधारक राशन लेने नहीं आते हैं तो कोटेदार अपने मोबाइल से उनका नंबर ई-पाश में सबमिट करेगा। इस तरह से कोटेदार के मोबाइल पर ओटीपी आ जाएगी। ओटीपी को ई-पाश में सबमिट कर देते हैं। इस तरह से कोटेदार प्रमाणित कर देता है कि कार्ड धारक को राशन मिल गया। इस तरह से कोटेदार  राशन डकार जा रहे हैं। ऐसे में प्राक्सी पर जांच शुरू हो गई है।


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