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Khushi Death Case: मासूम बच्ची के पिता का दावा- चिल्ड्रेन अस्पताल ने कहा, जहां से लाए वहीं ले जाओ

खुशी की मौत में डाक्टरों की भूमिका संदेहास्पद है। चिल्ड्रेन अस्पताल भी बच्ची की जान के प्रति फिक्रमंद नहीं रहा। पिता मुकेश का दावा है कि चिल्ड्रेन अस्पताल के डाक्टर ने हालत देखने के बाद कहा कि बच्ची की जान खतरे में है इसे वापस ले जाओ

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 01:45 PM (IST)
Khushi Death Case: मासूम बच्ची के पिता का दावा- चिल्ड्रेन अस्पताल ने कहा, जहां से लाए वहीं ले जाओ
करेली के करेंहदा गांव निवासी खुशी की मौत पर डाक्टरों की भूमिका संदेहास्पद है।

प्रयागराज, जेएनएन।  करेली के करेंहदा गांव निवासी खुशी की मौत पर डाक्टरों की भूमिका संदेहास्पद है। चिल्ड्रेन अस्पताल भी बच्ची की जान के प्रति फिक्रमंद नहीं रहा। बच्ची के पिता मुकेश का दावा है कि चिल्ड्रेन अस्पताल के डाक्टर ने हालत देखने के बाद कहा कि बच्ची की जान खतरे में है इसे जिस अस्पताल से लाए हो वहीं ले जाओ।  

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जिस घर के आंगन में नाचती थी खुशी वहां अब मातम का आलम

मुकेश के अनुसार दो मार्च की शाम खुशी के आपरेशन वाले स्थान पर पस आ गया था। तीन मार्च को सुबह 10 बजे डाक्टर आ और खुशी को रेफर कर दिया। उसे लेकर चिल्ड्रेन अस्पताल पहुंचे तो वहां डाक्टर ने भर्ती तो किया लेकिन बच्ची की हालत को गंभीर बताया। चार मार्च को कहा कि इसे जहां से ले आए हो वहीं ले जाओ। उसके बाद बेटी को एक प्राइवेट अस्पताल ले गए तो एंबुलेंस में ही डाक्टर ने देखकर जवाब दे दिया। निराश होकर पांच मार्च को पुन: यूनाइटेड अस्पताल पहुंचे तो गेट बंद कर दिया गया।

बोले, चिल्ड्रेन अस्पताल के विभागाध्यक्ष

वहीं इस मामले में चिल्ड्रेन अस्पताल के विभागाध्यक्ष डा. मुकेश वीर सिंह का कहना है कि सर्जरी विभाग में डा. जेके सिंह की निगरानी में खुशी भर्ती हुई थी। उन्होंने क्या कहा यह नहीं मालूम लेकिन अस्पताल के रिकार्ड में यही लिखा है कि बच्ची चार मार्च को एब्सकांड (बिना बताए चले जाना) हो गई।  

चचेरे भाई को बेचा खेत

मुकेश का दावा है कि बेटी की जान की खातिर उसने अपने हिस्से का खेत एक लाख 40 हजार रुपये में चचेरे भाई के हाथों बेच दिया। पत्नी और मां के गहने बेच दिए, फिर भी बेटी को न बचा सका। 

पुलिस ने घर पहुंचकर की बात

कौशांबी के पिपरी थाने की पुलिस ने रविवार शाम को मुकेश के घर पहुंचकर बात की। कब कैसे क्या हुआ, बच्ची को कहां-कहां ले गए, इलाज के लिए पैसे का इंतजाम कैसे किया, अस्पताल में वास्तव में कितना खर्च हुआ, इन बिंदुओं पर पिता के बयान लिए।

आरोपित डाक्टर की गिरफ्तारी अभी नहीं

कौशांबी के एएसपी समर बहादुर का कहना है कि आरोपित डाक्टर अंकित गुप्ता की अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है क्योंकि प्रयागराज का जिला प्रशासन मामले की जांच कर रहा है। उच्चाधिकारियों के निर्देश के अनुसार आगे की कार्यवाही होगी।


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