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Birthday of Deputy CM Keshav Prasad: अशोक सिंघल से निकटता और राम मंदिर आंदोलन में सक्रियता ने बदला जीवन

महामारी के दौर में उनके जन्मदिन पर कोई बड़ा आयोजन नहीं हो रहा है। इंटरनेट मीडिया पर बधाई और शुभकामनाओं का दौर चल रहा है। भाजपा की महानगर इकाई की ओर से सारस्वत पैलेश में हवन का कार्यक्रम रखा गया है। इसमें सीमित संख्या में कार्यकर्ता शामिल होंगे।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 07:20 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 07:20 PM (IST)
Birthday of Deputy CM Keshav Prasad: अशोक सिंघल से निकटता और राम मंदिर आंदोलन में सक्रियता ने बदला जीवन
केशव को संगठन के तमाम कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की शुभकामनाएं मिल रही हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य शुक्रवार को 52 वर्ष के हो रहे। उन्हें संगठन के तमाम कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की शुभकामनाएं मिल रही हैं।  महामारी के दौर में उनके जन्मदिन पर कोई बड़ा आयोजन नहीं हो रहा है। इंटरनेट मीडिया पर बधाई और शुभकामनाओं का दौर चल रहा है। भाजपा की महानगर इकाई की ओर से सारस्वत पैलेश में हवन का कार्यक्रम रखा गया है। इसमें सीमित संख्या में कार्यकर्ता शामिल होंगे और कोविड 19 के प्रोटोकाल का भी पालन किया जाना अनिवार्य है। आज केशव प्रसाद मौर्य के जीवन वृत्त पर यदि नजर डालें तो पता चलता है कि उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल से मुलाकात और फिर श्री राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भागीदारी रही है। उन्होंने बढ़ चढ़कर मंदिर आंदोलन में सहयोग किया और 1992 तथा 1993 में कारसेवकों की भी खूब मदद की। इस बीच राजनीतिक गलियारे में उनकी पहचान बनती रही और आज वह डिप्टी सीएम के पद पर आसीन हैं।

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साहित्य रत्न डिग्री धारी हैं केशव

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की सफलता विरासत में नहीं मिली। इसके लिए उन्होंने खुद कोशिश की और रास्ता बनाया। केशव का जन्म 7 मई 1969 को कौशांबी जनपद के सिराथू में शाक्य वंश के साधारण से मौर्य परिवार में हुआ था। बचपन तमाम संघर्षों के बीच गुजरा। पिता श्याम लाल व माता धनपत्ती देवी खेती कर परिवार का गुजारा करते थे। केशव तीन भाई व तीन बहन हैं। उन्होंने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षा आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिराथू से ग्रहण की। दसवीं व बारहवीं की शिक्षा दुर्गा देवी इंटर कालेज ओसा मंझनपुर से की थी। आगे चलकर उन्होंने हिन्दी साहित्य सम्मेलन से साहित्य रत्न की भी डिग्री हासिल की।

चाय की दुकान से शुरू हुआ सफर उप मुख्यमंत्री तक पंहुचा

केशव प्रसाद मौर्य ने परिवार को आर्थिक मदद देने के लिए स्कूल के दिनों में ही सिराथू तहसील के पास चाय की दुकान लगा ली थी। इसके साथ ही वह हर सुबह अखबार भी बांटते। दिन में पूरा समय उसी चाय की दुकान पर गुजरता था। यह उनकी और परिवार की जरूरत पूरी करने के लिए जरूरी भी था, सो पूरे मनोयोग से वह इस कार्य को करते थे। भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी बताते हैं कि इन्हीं दिनों उनकी मुलाकात

विश्व हिंद परिषद से जुड़े कुछ लोगों से हुई। इसके बाद से वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से भी जुड़ गए। धीरे धीरे संघ की विचारधारा से प्रभावित होकर उन्होंने संगठन के कार्यों में रुचि लेना शुरू कर दिया। बाद में

विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल से भी उनकी मुलाकात हुई। यहीं से उनके भीतर दबे प्रखर राष्ट्रवाद को और हवा मिली। उन्हें अलग अलग दायित्व भी दिए जाने लगे। धीरे धीरे वह राजनीति की ओर भी बढ़ने लगे।

अतीक अहमद से हारे थे चुनाव

केशव राजनीति की मुख्य धारा से जुड़े तो भाजपा के टिकट पर प्रयागराज के शहर पश्चिमी विधानसभा से बाहुबली अतीक अहमद के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे। यहाँ उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद अतीक के भाई खालिद अजीम के खिलाफ भी चुनाव लड़े। दोबारा शिकस्त मिली पर हिम्मत नही हारे।

2012 में मिली विजयश्री

वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में सिराथू विधानसभा सीट समान्य घोषित हुई तो भाजपा के टिकट पर केशव प्रसाद मौर्य ने फिर भाग्य आजमाया। प्रदेश मे सपा की लहर के बावजूद  वह जीत हासिल करने में सफल हुए। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद की फूलपुर सीट से भाजपा ने टिकट दिया। उन्होंने तीन लाख से अधिक मतों से जीत  दर्ज की और देश की संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वर्ष 2016 में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपते हुये प्रदेश अध्यक्ष बनाया।

2017 में भाजपा को बहुमत दिलाने में निभाई बड़ी भूमिका

केशव प्रसाद मौर्य ने यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उनके कौशल को देखते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री का दायित्व दिया गया। अब भी वह इस जिम्मेदारी को वह निभा रहे हैं।

मां का आशीष लेने आते रहते हैं गृह जनपद

अपनी तमाम व्यस्तताओं के बीच उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य गृह जनपद कौशांबी में अपनी माँ धनपति देवी का आशीर्वाद लेने जरूर आते हैं। पिता श्याम लाल मौर्या का निधन कुछ वर्षों पूर्व हो चुका है। परिवार में मां के अतिरिक्त भाई सुखलाल मौर्य, राजेंद्र मौर्य, बहन सुनीता देवी, आशा देवी,  कमलेश देवी, पत्नी राजकुमारी मौर्य और पुत्र योगेश मौर्य तथा हितेश मौर्य हैं।


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