बाढ़ग्रस्त इलाकों के घरों में है सीलन, नमी भगाने को खुला रखें खिड़की व दरवाजे और रोशनदान
काल्विन अस्पताल के डर राजेश कुमार स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के डा. पंकज गुप्ता ने बताया कि भीगी दीवारों फर्श से गैस निकलती है जो सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करती है। इससे संक्रामक रोग होते हैं। इनसे बचने के लिए कमरों की दीवारों में ताजी हवा लगना जरूरी है।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की समस्या थी। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नदियों का जलस्तर कम होने से घरों में भरा पानी निकल गया है। लोगों को धीरे-धीरे राहत मिलने लगी है। जिनके घरों में पानी भरा था, वहां अब सफाई का दौर चल रहा है। घरों की नींव से लेकर छत तक सीलन है। इससे कई बीमारियां फैलने का खतरा है। इसलिए जिनके घरों से पानी वापस जा चुका है उनमें दरवाजे, खिड़की और रोशनदान दिन भर खुला रखना होगा, जिससे कि शुद्ध ताजी हवा और धूप भी प्रवेश करे। इससे दीवारों में नमी सूखेगी और दुर्गंध भी हटेगी।
मच्छरों से रहें सुरक्षित, रोज करें कमरों की सफाई
जिनके घरों में पानी भरा था उन्हें रोज अपने कमरों की सफाई करनी चाहिए। बेड, बक्सों और अलमारी के नीचे खासतौर से सफाई रखनी होगी क्योंकि गंदगी से मच्छर वहीं पनपते हैं। मच्छरों से सुरक्षित रहने के लिए बच्चों को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनाकर रखें और उनकी त्वचा पर मच्छरों से बचाव वाली क्रीम लगाएं। दीवारों की सफाई भी करें और कमरों में हो सके तो गृहस्थी ज्यादा न बढ़ाएं जिससे दीवारों और फर्श पर हवा अधिक से अधिक लग सके। दीवारें जितनी जल्दी सूखेंगी उतना ही आरामदायक होगा।
आसपास न जमने दें पानी
घर के अगल-बगल कहीं पानी जमा हुआ है, नाली, गड्ढे या किसी पुराने टायर में तो उसे साफ कर दें। सफाई जितनी ज्यादा रहेगी उतना ही आप बीमारियों से सुरक्षित रहेंगे। काल्विन अस्पताल के डर राजेश कुमार तथा स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के डा. पंकज गुप्ता कहते हैं कि घरों में सफाई रखने के लिए कुछ समय खर्च करना होता है। सफाई रखें तो बीमारियां पास फटकने ही नहीं पाएंगी। कहा कि भीगी दीवारों और फर्श से गैस निकलती है जो सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करती है। इससे संक्रामक रोग होते हैं। इनसे बचने के लिए स्वयं प्रयास करना होगा और इसकेे लिए कमरों की दीवारों में ताजी हवा लगना जरूरी है।