नेशनल ला यूनिवर्सिटी के नामकरण को लेकर प्रयागराज का कायस्थ समाज खुश, कहा- सीएम ने बढ़ाया मान
प्रयागराज के कायस्थ समाज का कहना है कि विधि विश्वविद्यालय का नाम भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद के नाम पर करने की सलाह देकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कायस्थ समाज का मान बढ़ाया है। कायस्थ समाज द्वारा राष्ट्रहित और समाज हित में किए गए कार्यों को मजबूती दी।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के शहर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के झलवा में बनने वाले नेशनल ला यूनिवर्सिटी का भले ही अभी शिलान्यास हुआ है, लेकिन यह चर्चा में जरूर आ गया है। शिलान्यास कार्यक्रम में प्रयागराज आए राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के समझ यूपी के मुख्यमंत्री ने सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि इस ला यूनिवर्सिटी का नाम देश के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद के नाम पर किए जाने का आह्वान किया था। इसे लेकर यहां का कायस्थ समुदाय खुश है।
प्रयागराज के कायस्थ समाज का कहना है कि विधि विश्वविद्यालय का नाम भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद के नाम पर करने की सलाह देकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कायस्थ समाज का मान बढ़ाया है। कायस्थ समाज द्वारा राष्ट्र हित और समाज हित में किए गए कार्यों और निभाई गई भूमिका को मजबूती प्रदान की।
इस संबंध में कायस्थ संघ के कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। इसमें संघ के प्रदेश अध्यक्ष पवन श्रीवास्तव ने खुशी जताई। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तथा उनकी पूरी कैबिनेट का आभार प्रकट किया। कहा कि भारतीय जनता पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है जो कायस्थों का सदैव मान बढ़ाने का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज के महापुरुष किसी भी विचारधारा के पोषक रहे हो परंतु भारतीय जनता पार्टी कायस्थ समाज को हमेशा राष्ट्रवादी विचारधारा का ही मानती है। यह अक्षरस सत्य है।
उन्होंने कहा कि डाक्टर राजेंद्र प्रसाद आध्यात्मिक व्यक्ति थे जिनका प्रयाग से सामाजिक सरोकार था। दुर्भाग्य है कि आज तक की सरकारों ने उन्हें कोई सम्मान नहीं दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री के इस निर्णय की प्रशंसा की और कहा कि कायस्थ समाज सदैव भारतीय जनता पार्टी का था, सममान है और रहेगा। बैठक में शासकीय अधिवक्ता सत्य प्रकाश श्रीवास्तव, अजीत श्रीवास्तव, दिनेश चंद्र वर्मा, शुभेंदु श्रीवास्तव, विशाल श्रीवास्तव, आलोक श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।