Kaushambi, UP Road Accident : दो घंटे बाद दूल्हे को दी गई हादसे में आठ लोगों के मौत की खबर, टल गई दुल्हन की विदाई
Kaushambi UP Road Accident मंडप के नीचे लावा डालने का कार्यक्रम हो रहा था। कुछ ही घंटे में सात फेरे और फिर विदाई की तैयारियां की जा रही थीं। इस बीच रिश्तेदारों को फोन के जरिए श्वेता व खुशी ने बताया कि हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई।
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के कौशांबी जिले में खुशी के माहौल में मौत के मंजर ने ऐसा खेल खेला कि एक ही झटके में सगे रिश्तों की मौत से देवीगंज की सड़क को लाल कर दिया। दर्दनाक हादसे से बेखबर दूल्हे को दो घंटे बाद तब सच्चाई बताई गई, जब वह अग्नि के सात फेरा ले चुका था। हादसे की खबर सुनते ही चीत्कार मारकर दूल्हा वैवाहिक स्थल पर ही रोने लगा। जीवनसाथी के घर जाने की ख्वाहिश लिए बैठी दुल्हन की भी विदाई रोक दी गई। जिला अस्पताल से लेकर पोस्टमार्टम हाउस तक परिवार का करुण क्रंदन गूंजता रहा।
रिश्तेदारों और घरवालों को न देखकर रिश्तेदार ने पूछा
आधी रात को हुए हादसे से अनभिज्ञ दूल्हा समेत उनके पिता व भाई समेत अन्य रिश्तेदार मंडप के नीचे मौजूद थे। मंत्रोच्चार के बीच गार्डेन में विवाह संपन्न कराया जा रहा था। दुल्हन के पहुंचने के लिए घर में अन्य मांगलिक कार्यक्रमों को निपटाने के उद्देश्य से दूल्हे की बहन, मामी, भांजा, चाची समेत नौ लोग स्कार्पियो चालक के साथ निकले थे। परिवार के लोगों ने बताया कि रात करीब तीन बजे थे। मंडप के नीचे लावा डालने का कार्यक्रम संपन्न हो रहा था। कुछ ही घंटे में सात फेरे और फिर विदाई की भी तैयारियां की जा रही थीं। इस बीच रिश्तेदारों को फोन के जरिए श्वेता व खुशी ने बताया कि हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई। गमगीन माहौल में धीरे-धीरे सभी वैवाहिक स्थल से उठकर घटनास्थल की ओर जाने लगे। करीब पांच बजे और सात फेरे लेने के बाद दूल्हे पंकज ने पूछा कि आखिर सब रिश्तेदार कहां चले गए। इस पर पिता ने आंखों में भरे आंसुओं को पोछते हुए घटना की जानकारी दी। यह सुन पंकज कुछ देर के लिए सन्न रह गया और फिर उसका करुण क्रंदन पूरे वैवाहिक स्थल में गूंजने लगा। वह सबकुछ छोड़ कर अपने भाई व पिता के साथ घटनास्थल पर पहुंचा। पुलिस व खड़ी एंबुलेंस के बीच क्षतिग्रस्त स्कार्पियो में अपनों को तलाशने लगा। इस बीच वहां मौजूद सीओ रामवीर सिंह व इंस्पेक्टर राकेश तिवारी ने परिवार वालों को ढांढस बंधाया।
डीएलएड कर रहा था स्कार्पियो चालक
मौत का शिकार हुए आठ लोगों में स्कार्पियो चालक शिवराज भी था। घटना की जानकारी जब उसके परिवार के लोगों को हुई तो पैरों तले जमीन खिसक गई। रोते-बिलखते स्वजन भी घटनास्थल पर आ गए। पिता हरिनारायण ने बताया कि वह किसी तरह मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करता है। चार बेटों में शिवराज चौथे नंबर का था। वह ओसा स्थित जनक दुलारी महाविद्यालय से डीएलएड कर रहा था। अन्य बेटे प्राइवेट काम करते हैं। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण शिवराज पढ़ाई कर अच्छी नौकरी के सपने देख रहा था। गृहस्थी को ठीक ढंग से चलाने के लिए शिवराज ने बिजनेस के उद्देश्य से तीन माह पहले ही प्रयागराज से पुरानी स्कार्पियो खरीदी थी। पंकज की शादी की बुकिंग में ड्राइवर के न पहुंच पाने के चलते शिवराज ही ड्राइव करके गया था। इतना कहते ही हरिनारायण फूट-फूट कर रोने लगे और यही कहते रहे कि कि उसे क्या पता था कि पहली बार की ड्राइविंग उसकी जान लेकर छोड़ेगी। मां केशपती समेत परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है।