मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ओएसडी बनकर अफसरों से ठगी, कौशांबी पुलिस ने शातिर को झारखंड से दबोचा
पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने बताया कि जिला आबकारी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद शर्मा के मोबाइल पर एक शातिर ने 17 फरवरी को फोन कर खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी पंकज सिंह बताते हुए मित्र की गाड़ी मध्य प्रदेश के मनगवां में खराब होने की बात कहकर साढ़े नौ हजार रुपये मांगे।
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के कौशांबी जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ओएसडी बनकर अधिकारियों से मोबाइल के जरिए रुपये मांगने वाले साइबर शातिर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जनपद में तीन अफसरों से रुपये मांगने के मामले में शातिर के खिलाफ दो अधिकारियों ने मंझनपुर कोतवाली में केस दर्ज कराया था। झारखंड से दबोचे गए आरोपित को मंगलवार को कौशांबी लाया गया।
जिला आबकारी अधिकारी समेत तीन अफसरों को लगाया चूना
पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने बताया कि जिला आबकारी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद शर्मा के मोबाइल पर एक शातिर ने 17 फरवरी को फोन कर खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी पंकज सिंह बताते हुए मित्र की गाड़ी मध्य प्रदेश के मनगवां में खराब होने की बात कहकर साढ़े नौ हजार रुपये मांगे। उसी दिन शातिर ने सहायक आयुक्त स्टांप अरविंद सिंह के पास भी फोन कर 10 हजार रुपये मांगे।
मामला संदिग्ध जानकार अधिकारियेां ने डीएम और एसपी को दी थी जानकारी
मामला संदिग्ध होने पर अधिकारियों ने इसकी जानकारी डीएम व एसपी को दी। एसपी ने जांच कराते हुए 22 फरवरी को मंझनपुर कोतवाली में केस दर्ज कराया। जांच में शातिर का लोकेशन ट्रेस किया गया। एसपी ने बताया कि शातिर झारखंड पुलिस की मदद से सिंहभूमि मूसाबनी में पकड़ा गया। सोमवार को ही एसओजी प्रभारी संजय गुप्ता, साइबर व सर्विलांस टीम झारखंड के लिए रवाना हो गई। आरोपित को पकड़कर पुलिस कौशांबी लेकर आ गई। प्रेस कांफ्रेंस में मामले का पर्दाफाश किया गया।
कुछ कारण बताकर 10 से 15 हजार रुपये की ही मांग करता था शातिर
एसपी का कहना है कि पकड़े गए आरोपित ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि वह विभिन्न कारण बताकर ऐसे अफसरों से ही महज 10-15 हजार रुपये की मांग करता था, जिससे वह मुकदमा भी नहीं दर्ज कराते थे। अब तक वह डेढ़ सौ लोगों को चूना लगा चुका है, लेकिन इस बार वह पकड़ा गया। बरामद किए गए तीन मोबाइलों का प्रयोग वह रुपये ट्रांसफर व अफसरों के पास कॉल कर रौब गांठने के लिए करता था।