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Allahabad High Court: काशी विश्वेश्वरनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद मामला, सर्वे आदेश के खिलाफ याचिका

काशी विश्वेश्वरनाथ मंदिर ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कराने संबंधी वाराणसी जिला अदालत के आठ अप्रैल के आदेश पर रोक लगाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से दाखिल की गई है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 08:58 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 08:58 PM (IST)
Allahabad High Court: काशी विश्वेश्वरनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद मामला, सर्वे आदेश के खिलाफ याचिका
याचिका में वाराणसी की अदालत के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है।

प्रयागराज, जेएनएन। काशी विश्वेश्वरनाथ मंदिर, ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कराने संबंधी वाराणसी जिला अदालत के आठ अप्रैल के आदेश पर रोक लगाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से दाखिल की गई है।

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वाराणसी अदालत के आदेश पर रोक की मांग

याची का कहना है कि वाराणसी की अदालत में चल रहे मुकदमे की सुनवाई की अधिकारिता को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ज्ञानवापी की प्रबंध समिति की तरफ से चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने 15 मार्च को दोनों पक्षों की लंबी बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। सिविल मुकदमे की पोषणीयता को लेकर फैसला आना है, लेकिन इसी बीच अधीनस्थ अदालत ने आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से मंदिर मस्जिद के विवादित ढांचे का सर्वे कराने का आदेश दे दिया है, जो पूरी तरह से अवैध और क्षेत्राधिकार से बाहर है। जब हाई कोर्ट में सिविल वाद की वैधता पर फैसला सुरक्षित हो चुका है तो अधीनस्थ न्यायालय को बीच में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। याचिका में वाराणसी की अदालत के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है। वाराणसी की अदालत में 1991 में सिविल वाद दायर कर मंदिर का कब्जा सौंपने व मस्जिद को हटाने की मांग की गई है। मंदिर पक्ष का कहना है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है, जबकि वह स्थान मंदिर का है। वहीं, मस्जिद पक्ष का कहना है कि कानून के तहत धार्मिक स्थलों की 1947 की स्थिति में बदलाव नहीं किया जा सकता। इस कानून के अनुसार सिविल वाद अवैध है।


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