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Kartik Purnima 2021: नदी तट पर दीपदान से मिलेंगे मनोवांछित फल, जानें क्‍या कहते हैं विद्वान

Kartik Purnima 2021 श्रीराम जन्‍मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्‍ट के सदस्‍य स्‍वामी वासुदेवानंद सरस्‍वती कहते हैं कि देव दीपावली आंतरिक चेतना को जीवंत करने का पर्व है। उक्त पर्व पर नदियों के तट पर दीपदान करने पर ईश्वर की कृपा प्राप्ति होती है। एक-एक दीपक अवश्य जलाना चाहिए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 02:59 PM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 02:59 PM (IST)
Kartik Purnima 2021: नदी तट पर दीपदान से मिलेंगे मनोवांछित फल, जानें क्‍या कहते हैं विद्वान
कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली का आयोजन 19 नवंबर को होगा।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली का पर्व 19 नवंबर यानी कल होगा। हर सनातन धर्मावलंबी के लिए यह पर्व खास है, क्योंकि उक्त तिथि पर स्वर्ग लोक से देवता पृथ्वी पर आते हैं। मान्यता है कि तीर्थराज होने के कारण प्रयाग में देवता संगम, गंगाड्ड व यमुना के तट पर भ्रमण करते हैं। आप भी जानें कि विद्वानों की जुबानी कि कार्तिक पूर्णिका को लेकर क्‍या महत्‍व है।

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दीपदान करके उत्‍सव मनाने वालों पर ईश्‍वर की कृपा होती है

मान्‍यता है कि देव दीपावली पर नदियों के किनारे दीपदान करके उत्सव मनाने वाले धर्मावलंबी के ऊपर ईश्वर प्रसन्न होते हैं। उन्हें शारीरिक, मानसिक व आर्थिक कष्टों से मुक्त करके समस्त सुख व वैभव की प्राप्ति कराते हैं। सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान बना रहता है। इसी कारण देव दीपावली पर देवताओं का पृथ्वी पर स्वागत करने के लिए दीपदान करके श्रद्धाभाव से पूजन किया जाता है।

देव दीपावली को लेकर पौराणिक कथाएं भी प्र‍चलित हैं

देव दीपावली को लेकर पौराणिक कथाएं भी प्रचलित है। कथाओं के अनुसार भगवान शंकर ने कार्तिक पूर्णिमा पर त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया, उसकी खुशी में देवताओं ने दीपावली मनाई थी, जिसे देव दीपावली की मान्यता मिली। इस दिन गंगा स्नान करके शाम को तुलसी का पूजन करके गंगा, संगम के किनारे दीपदान करने का विधान है।

दीपक अवश्‍य जलाना चाहिए : स्‍वामी वासुदेवानंद

श्रीराम जन्‍मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्‍ट के सदस्‍य स्‍वामी वासुदेवानंद सरस्‍वती कहते हैं कि देव दीपावली आंतरिक चेतना को जीवंत करने का पर्व है। उक्त पर्व पर नदियों के तट पर दीपदान करने पर ईश्वर की कृपा प्राप्ति होती है। हर सनातन धर्मावलंबी को देव दीपावली पर्व पर आराध्य, पूर्वजों के अलावा घर के समस्त सदस्यों के नाम पर एक-एक दीपक अवश्य जलाना चाहिए।

देव दीपावली भाग्‍य को उदय करने वाला पर्व है : स्‍वामी हरिचैतन्‍य ब्रह्मचारी

टीकरमाफी आश्रम के पीठाधीश्‍वर स्‍वामी हरिचैतन्‍य ब्रह्मचारी ने कहा कि देव दीपावली भाग्य को उदय करने का पर्व है। उक्त पर्व पर देवता पृथ्वी पर आते हैं। ऐसी स्थिति में सुबह गंगा स्नान करके शाम को दीपदान करने वाले भक्त का ईश्वर से मिलन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। इसलिए सबको दीपदान करना चाहिए।

मृत आत्‍माओं की शांति के लिए जलाएं दीपक : डा. बिपिन पांडेय

विश्व पुरोहित परिषद के अध्‍यक्ष डा. बिपिन पांडेय कहते हैं कि जीवन उज्ज्वल बनाने के लिए देव दीपावली पर्व पर दीपदान अवश्य करना चाहिए। नदियों के तट पर दीपदान करने से मनुष्य की काया पवित्र होती है। अबकी कोरोना में मृत आत्माओं की शांति के निमित्त भी दीपक जलाएं, जिससे भविष्य में आपके घर-परिवार को ऐसा कष्ट न मिले।


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