Kumbh mela 2019 : एक बार भोजन व तीन बार गंगा स्नान कर तपस्वी सा जीवन बिताएंगे
मोक्ष की आस में गृहस्थों का कल्पवास। माघी पूर्णिमा तक यहां रहकर गृहस्थ एक बार भोजन व तीन बार गंगा स्नान कर भजन-पूजन करेंगे।
कुंभ नगर : सुख-सुविधाओं, घर-परिवार को छोड़कर गृहस्थों ने प्रयाग में कल्पवास आरंभ कर दिया। मोक्ष की आस में हजारों कल्पवासी पौष पूॢणमा पर गंगा व संगम में डुबकी लगाकर भजन-पूजन में लीन हो गए। माह भर गृहस्थ संतों के सानिध्य में भजन-कीर्तन में समय व्यतीत करेंगे। घर-परिवार, सुख-सुविधाओं का त्याग करके दिन में एक बार भोजन व तीन बार गंगा स्नान करके तपस्वी का जीवन बिताएंगे। संगम व गंगा तीरे माघी पूर्णिमा तक कल्पवास चलेगा। वहीं कुछ संत व श्रद्धालु महाशिवरात्रि तक प्रवास करके भजन-पूजन करेंगे।
तीर्थ पुरोहित के निर्देशानुसार पूजन किया
कुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर चार, पांच, छह, सात व आठ में कल्पवासियों की संख्या अधिक है। सुबह संगम व गंगा में स्नान करने के बाद अपने-अपने शिविर आकर तीर्थ पुरोहित के निर्देशानुसार पूजन किया। पूजन करके शिविर के बाद जौ बोया, साथ ही तुलसी का बिरवा लगाया। कल्पवास समाप्त होने के बाद प्रसाद स्वरूप इसे साथ लेकर जाएंगे। कल्पवास करने आए गृहस्थ 21 नियमों का पालन करेंगे।
परिजन भी आए थे साथ
कल्पवास करने वाले लोगों के साथ उनके परिजन भी आए थे। स्नान व पूजन में साथ रहे। शिविर लगवाने एवं खाने-पीने का प्रबंध करने के बाद वह वापस लौट गए। हालांकि कल्पवास के दौरान परिजनों का यहां आना और जाना लगा रहेगा। कई कल्पवासी की कुटिया में स्नान करने के लिए दूर-दूर से रिश्तेदार और परिचित भी आएंगे।
आबाद हो गई तंबुओं की नगरी
पौष पूर्णिमा से कल्पवास शुरू हो गया है। कल्पवासियों के आते ही कुंभ मेला क्षेत्र की तंबुओं की नगरी पूरी तरह से आबाद हो गई। हर ओर गुलजार हो रहा है। जो मेला क्षेत्र कुछ समय तक खाली था वह पूरी तरह से भर गया है। इससे मेला क्षेत्र की रौनक भी बढ़ गई है।