तंबुओें में सजी गृहस्थी, संकल्प के साथ शुरू होगा कल्पवास
कल्पवास की तैयारी पूरी हो चुकी है। कल्पवासी मेले में आ चुके हैं।
जासं, प्रयागराज : दूर-दूर तक फैले तंबुओं में एक माह तक रहकर गुजारा करने वालों की बस्ती, कोई यूपी से, कोई मप्र, हरियाणा और राजस्थान से भी आया है। सबके अपने तीर्थ पुरोहित हैं तो अपने-अपने मठ आश्रम के संत महंत भी। किसी को तंबू के ऊपर भी प्लास्टिक की छावनी लगाने से फुर्सत नहीं, कोई बांस के टट्टरों या टिन से बाउंड्री बनाने में जुटा है। कुल मिलाकर माघ मेले में कल्पवास शुरू होने की यह तस्वीर है। कल्पवास अगले सप्ताह से शुरू हो रहा है।
माघ मेला क्षेत्र में कल्पवासी इस बार पिछले वर्षो की अपेक्षा कम आने का अनुमान है। तीर्थ पुरोहितों की ओर से इंतजाम भी उसी अनुसार किए गए हैं। हालांकि, साधु-संतों की समितियों ने व्यवस्था पहले से तगड़ी की है। पौष पूर्णिमा 28 जनवरी को है और उसी दिन से कल्पवास की शुरुआत होनी है ऐसे में अनुमानित तौर पर कहा जा रहा है कि करीब 90 फीसद लोग आकर बस चुके हैं। दिबियापुर से आए रामदुलारे द्विवेदी को काली मार्ग पर अपने तीर्थ पुरोहित के यहां तंबू मिला है। कहते हैं कि कल्पवास के लिए जवारे बो दिए हैं, बस पौष पूर्णिमा पर संकल्प लेना बाकी रह गया है। गोरखपुर से आयीं सुनैनी देवी और उनके पड़ोस में देवरिया से आयीं पायल कुमारी को सेक्टर तीन में बसने की जगह मिली है। बताया कि इस बार पुरुषोत्तम मास के चलते कल्पवास की शुरुआत जनवरी के आखिरी सप्ताह में शुरू हो रहा है कि वह मकर संक्रांति से पहले ही आ गयी थीं। बताया कि इंतजाम लगभग पूरे हो गए हैं, अब संकल्प ही लेना शेष रह गया है।