ज्योतिर्मठ मेरा व्यक्तिगत मठ : स्वरूपानंद
उत्तराखंड स्थित ज्योतिर्मठ का संचालन करने के लिए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के जाने पर जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद के प्रवक्ता ने शकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद 20 नवंबर को ज्योतिर्मठ गए थे।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : उत्तराखंड स्थित ज्योतिर्मठ का संचालन करने के लिए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के जाने पर जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद के प्रवक्ता ने शकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद 20 नवंबर को ज्योतिर्मठ गए थे।
इस पर स्वामी स्वरूपानंद ने बयान जारी करके कहा कि ज्योतिर्मठ उनका व्यक्तिगत मठ है। वहा 64 योगिनियों की मूíत की प्राण प्रतिष्ठा की गई है। इसके लिए अपने दंडी संन्यासी शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को भेजा था। कहा कि उस मठ में किसी का कोई अधिकार नहीं है। कहा कि स्वामी ब्रह्मानंद के बनवाए एक मठ को लेकर विवाद है। लेकिन, उसे पर भी रेवेन्यू बोर्ड ने हमारा अधिकार माना है। स्वामी स्वरूपानंद ने यह भी साफ किया है कि उन्होंने अभी तक किसी को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं किया है। द्वारिका व ज्योतिषपीठ पर किसी को उनके द्वारा किसी शिष्य को अधिकृत रूप से उत्तराधिकारी व शकराचार्य घोषित नहीं किया गया है। स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि स्वामी वासुदेवानंद को किसी कोर्ट ने शकराचार्य नहीं माना। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तो उन्हें संन्यासी भी नहीं माना। फिर भी वो खुद को ज्योतिष पीठ के शकराचार्य के रूप में महिमामंडित करके जनता को गुमराह कर रहे हैं। यह कोर्ट का अपमान भी है। इसके लिए उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मागनी चाहिए। वहीं, स्वामी वासुदेवानंद के प्रवक्ता ओमकारनाथ त्रिपाठी ने कहा कि नियम व परंपरा के अनुसार स्वामी वासुदेवानंद ही ज्योतिष पीठ के शकराचार्य है। किसी भी धर्मशास्त्र में एक धर्मगुरु को दो पीठ का शकराचार्य बनाने की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसा न होता तो ज्योतिष पीठ 165 खाली न पड़ी रहती। तब भी कोई न कोई धर्माचार्य उस पर काबिज हो सकते थे। लेकिन, किसी ने यह अनैतिक काम नहीं किया। परंतु स्वामी स्वरूपानंद खुद को दो पीठ का पीठाधीश्वर बताकर धाíमक परंपरा, नीति व निर्देशों का अपमान कर रहे हैं। उनके खिलाफ कानून विशेषज्ञों से राय ली जा रही है। जल्द उचित कार्रवाई की जाएगी।