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कर सुधार से उड़ी जुगाड़ की 'गुल्ली'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुरुवार को घोषित आयकर में सुधार की घोषणा को विशेषज्ञों ने सराहा है। कहाकि इसे कर सुधार से उड़ी जुगाड़ का तरीका खत्म हो जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 08:59 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 08:59 PM (IST)
कर सुधार से उड़ी जुगाड़ की 'गुल्ली'
कर सुधार से उड़ी जुगाड़ की 'गुल्ली'

जासं, प्रयागराज : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुरुवार को घोषित आयकर में सुधार की कर (टैक्स) विशेषज्ञों और व्यवसाइयों ने सराहना की है। उनका कहना है कि फेसलेस कर असेसमेंट प्रणाली से कराधान की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के साथ पीएम ने ईमानदार आयकर दाता को सम्मान देने का काम किया है। असेसमेंट से लेकर अन्य व्यवस्था में दोष दूर होने और कर अदायगी की प्रक्रिया को सरल करने से लोग खुद से कर जमा करने के लिए आगे आएंगे। इस सुधार से आयकरदाता व विभाग, दोनों का ही फायदा होगा।

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-------------- एक पारदर्शी कर प्रणाली जिससे करदाता अपने कर के बोझ से चितामुक्त होगा, कर मूल्यांकन में भी उसको आसानी होगी। नई प्रणाली में यह भी प्रावधान है कि स्थानीय अधिकारी की जगह, दूसरे राज्य का कर अधिकारी भी कर का मूल्यांकन कर सकेगा जिससे आमने-सामने की असेसमेंट प्रणाली में होने वाली गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगी।

- एलके यादव, सीएस, चेयरमैन, आइसीएसई प्रयागराज।

-------- आयकर के फेसलेस असेसमेंट सिस्टम से टैक्स पेयर को बार-बार विभाग का चक्कर नहीं लगाना होगा। डिजिटल माध्यम का फायदा लेकर वह कहीं से भी अपने टैक्स का असेसमेंट करा सकेंगे। फेसलेस व्यवस्था का फायदा यह होगा कि असेसमेंट करने वाले और कराने वाले, दोनों को ही एक-दूसरे के बारे में जानकारी नहीं होगी जिससे जुगाड़ और सिफारिश का चक्कर नहीं रहेगा।

- सीए दिव्या चंद्रा, चेयरपर्सन, आइसीएआइ प्रयागराज।

------------ प्रधानमंत्री की घोषणाएं कर सुधार की दिशा में बेहतर प्रयास है। कर के फेसलेस मूल्यांकन और टैक्सपेयर्स चार्टर से करदाताओं का व्यवस्था पर विश्वास बढे़गा। चीजें आसान होंगी तो टैक्स पेयर की संख्या में इजाफा होगा। प्रधानमंत्री ने करदाता को उचित, तर्कसंगत और विनम्र व्यवहार का भरोसा दिया है। ऐसे में लोग स्वप्रेरणा से कर का असेसमेंट कराने से लेकर उसे समय पर जमा करेंगे।

- सीए अतुल मिश्रा, सेक्रेटरी, आइसीएआइ, प्रयागराज।

-------------- प्रधानमंत्री ने कहा है कि टैक्स देने वालों को नियमों में उलझाने की बजाए उसकी समस्या को सुलझाने पर काम होना चाहिए। कानून की जटिलताओं को खत्म करके नियम-कानून स्पष्ट बनाने की बात भी कही है। ऐसे में जब नियम सरल होंगे और अनावश्यक रूप से लोगों का उत्पीड़न नहीं होगा तो लोग टैक्स जमा करने के लिए खुद ही आगे आएंगे, क्योंकि सख्ती से कोई बात बनती नहीं है।

-महेंद्र गोयल, प्रदेश अध्यक्ष, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स।

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फेसलेस मूल्यांकन करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कदम स्वागत योग्य है। इसका फायदा आयकर दाताओं को तभी मिलेगा जब इसका इस्तेमाल सही रूप में हो। क्योंकि जीएसटी को लागू करते समय भी बढि़या बातें की गई थीं, लेकिन आज भी उस सिस्टम में तमाम खामियां हैं। हर चौथे दिन कोई न कोई परिवर्तन कर दिया जाता है जिसको लेकर व्यापारी परेशान हो रहे हैं। नए सुधार को लागू करने से ज्यादा उसकी बेहतर तरीके से मानीटरिग हो तभी व्यवस्था का लाभ लोगों तक पहुंच पाएगा।

-आशीष अरोरा, अध्यक्ष, सिविल लाइंस व्यापार मंडल, प्रयागराज। - फेसलेस प्रणाली प्रधानमंत्री द्वारा सही दिशा में उठाया गया बेहतर कदम है। जो लोग पहले से टैक्स पे कर रहे थे यह उनका सम्मान भी है। उन्हें सुविधा मिलनी ही चाहिए। टैक्स का मूल्यांकन कराने अथवा अपील करने के लिए अब किसी को अधिकारी के सामने जाने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें विभाग के नाहक चक्कर भी नहीं काटने होंगे। इससे उत्पीड़न खत्म होगा। वर्षों से लोगों को इसकी अपेक्षा थी जिसे प्रधानमंत्री ने पूरा कर दिया है।

-गौरव महाजन, सीनियर स्टैंडिग काउंसिल आयकर, हाईकोर्ट। प्रधानमंत्री की घोषणा भ्रष्टाचार को कम करने और आयकर विभाग के कार्यो में दक्षता लाने के लिए क्रांतिकारी कदम साबित होगी। करदाताओं के पक्ष में किए गए सुधार स्वागत योग्य हैं। फेसलेस असेसमेंट, इलेक्ट्रानिक अपील, परिवर्तनशील ज्यूरीडिक्शन से करदाता को विभाग के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी तथा किसी प्रकार से करदाता को परेशान करने की विभाग की आदत पर भी लगाम लग सकेगी। इस फैसले से करदाताओं की संख्या भी बढेगी।

- डा. पवन जायसवाल, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर मूल्यांकन सलाहकार।


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