विस्तारित क्षेत्र में भी शहर की तरह होगी जलापूíत
जागरण संवाददाता प्रयागराज शहर की तरह ही नगर निगम सीमा विस्तारित क्षेत्र में भी जलापूíत की व्यवस्था सुनिश्चित कराने की कवायद जलनिगर ने शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : शहर की तरह ही नगर निगम सीमा विस्तारित क्षेत्र में भी जलापूíत की व्यवस्था सुनिश्चित कराने की कवायद जलनिगम की ओर से शुरू कर दी गई है। इसके आकलन के लिए जल्द सर्वे चालू कराने की तैयारी है। सर्वे के लिए एजेंसी के चयन की प्रक्रिया विभाग ने प्रारंभ कर दी है।
दिसंबर 2019 को नगर निगम सीमा का विस्तार हुआ था। इससे निगम की सीमा नैनी क्षेत्र में रामपुर चौराहा और रीवा रोड पर मामा-भांजा तालाब से आगे, झूंसी क्षेत्र में हबूसा मोड़ तक, फाफामऊ इलाके में मलाक हरहर और बमरौली क्षेत्र में कौशांबी बार्डर तक दायरा बढ़ गया है। पहले झूंसी नगर पंचायत क्षेत्र में शामिल होने के कारण जलापूíत की व्यवस्था अन्य इलाकों से अपेक्षाकृत बेहतर है। लेकिन, जिन ग्रामीण क्षेत्रों का विलय निगम में हुआ है, वहां ज्यादातर इलाकों में जलापूíत निजी व्यवस्था पर आधारित है। मसलन, हैंडपंप अथवा सबमर्सिबल से लोगों की पानी की जरूरतें पूरी होती हैं। लिहाजा, विस्तारित क्षेत्रों में शहर की तरह जलापूíत व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए जलनिगम की ओर से कवायद शुरू कर दी गई है। सर्वे के बाद के बाद प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा।
क्या कहते हैं लोग
मलावां बुजुर्ग के मुस्तकीम खान का कहना है कि गांव में नलकूप नहीं है। हैंडपंप भी आए दिन खराब हो जाता है। इससे पानी की बड़ी समस्या रहती है। पाइप लाइन से जलापूíत होने पर लोगों को समय से पानी मिलने लगेगा। सारी समस्या का निराकरण हो जाएगा। मलावां खुर्द के एकलाख अहमद का भी वक्तव्य कुछ इसी तरह का है। कोट--
नए एरिया में सर्वे कराने और डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए जलनिगम को धनराशि दी जा रही है। सर्वे के बाद ही यह तय हो सकेगा कि कितने किमी. पाइप लाइन बिछानी पड़ेगी। कितने नलकूप और ओवरहेड टैंकों की जरूरत पड़ेगी।
हरिश्चंद्र बाल्मीकि, महाप्रबंधक जलकल विभाग। सर्वे होने के बाद ही यह मालूम चल सकेगा कि विस्तारित क्षेत्र में जलापूíत सुनिश्चित कराने के लिए कितनी धनराशि खर्च होगी। सर्वे के लिए एजेंसी चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
आनंद दुबे, अधिशासी अभियंता जलनिगम।