माघमेला- इस बार जल पुलिस बनाएगी 50 ड्रम लाइन
जासं, इलाहाबाद : माघ मेले के दौरान स्नानार्थियों की सुरक्षा के लिए इस दफा जल पुलिस 50 ड्रम लाइ
जासं, इलाहाबाद : माघ मेले के दौरान स्नानार्थियों की सुरक्षा के लिए इस दफा जल पुलिस 50 ड्रम लाइन बनाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि किला घाट से संगम नोज की दूरी लगभग चार किलोमीटर हो गई है। पिछले साल तक यह दूरी करीब दो किलोमीटर हुआ करती थी और जल पुलिस को 20 ड्रम लाइन ही बनानी पड़ती थी।
यमुना में बनने वाली यह ड्रम लाइन नावों के लिए डिवाइडर का काम करती है, ताकि किसी तरह का हादसा न हो। माना जा रहा है कि इसके बाद किला घाट से संगम मध्य तक चापू नाव को आने और जाने में कम से कम साढ़े तीन से चार घंटे का वक्त लगेगा। पहले यह समय महज एक से डेढ़ घंटे का था। ऐसे में दूरी और क्षेत्रफल बढ़ने के कारण श्रद्धालुओं की सुरक्षा जल पुलिस के लिए चुनौती मानी जा रही है। लिहाजा यमुना में जरूरी स्थानों पर जल पुलिस व पीएसी के जवानों के चेकिंग प्वाइंट भी बनाए जाएंगे। स्नानार्थियों की भीड़ को देखते हुए छतनाग, दशाश्मेघ और गंगा घाट को संवेदनशील माना जा रहा है। इन स्थानों पर जल पुलिस की क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) तैनात की जाएगी।
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ये रहेगी व्यवस्था
- 3 कंपनी पीएसी
- 55 प्राइवेट गोताखोर
- 20 प्रशिक्षित गोताखोर
- 6 जल पुलिस की मोटर बोट
- 8 जल पुलिस की चापू नाव
- 90 प्राइवेट बोट
- 36 पीएसी की बोट
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मेले में 72 घंटे रहेगी लाखों की भीड़-
माघ मेले में इस बार 14 जनवरी को मकर संक्रांति और 16 को मौनी अमावस्या है। ऐसे में माना जा रहा है कि मकर संक्रांति पर स्नान करने के लिए आने वाले श्रद्धालु मौनी अमावस्या पर भी संगम में डुबकी लगाकर जाएंगे। इस तरह करीब 72 घंटे लाखों स्नानार्थियों की भीड़ मेला क्षेत्र में ही रहेगी। जल पुलिस इसे देखते हुए विशेष सतर्कता और सुरक्षा इंतजाम कर रही है। 10 जनवरी से लेकर 22 तक के लिए पीएसी के दो कंपनी पीएसी और मांगे जाने के लिए जल पुलिस ने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है।
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वर्जन-
किलाघाट से संगम की दूरी बढ़ने के कारण ड्रम लाइन भी बढ़ाई जा रही है। मेला क्षेत्र से 24 घटे में निकलने वाली भीड़ इस बार तीन दिनों तक रहेगी। श्रद्धालुओं की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। इसके लिए सभी तरह के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।
- कड़ेदीन यादव, प्रभारी जल पुलिस
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सूखे स्थान पर लगा दिया पीपा
जासं, इलाहाबाद : माघ मेला में गंगा में बनने वाले पीपा पुल बनाने में संसाधन की बर्बादी करने का आरोप लग रहा है। प्रयाग धर्म संघ ने मुख्यमंत्री कार्यालय में इसकी शिकायत करके जांच कराने की मांग की है। संघ का तर्क है कि सूखे स्थान पर पीपा लगाकर संसाधन व कई बीघा जमीन की बर्बादी की गई है। अगर वही जमीन बचती तो कई शिविर लग सकते थे। इसके मद्देनजर गुरुवार को प्रयाग धर्म संघ कार्यालय पर सुभाष पांडेय की अध्यक्षता में बैठक हुई। मुख्यवक्ता राजेंद्र पालीवाल ने कहा कि माघ मेला क्षेत्र में गंगा में पुरानी जीटी रोड का पांटून पुल गंगा की धारा के अतिरिक्त जमीन में आधा दर्जन पीपे फालतू में लगाए गए हैं। त्रिवेणी रोड व काली मार्ग में निर्मित पीपा पुल में भी ऐसी गड़बड़ी की गई है। इसके चलते धन की बर्बादी हुई है, उन्होंने इसकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। बैठक में रामबाबू शर्मा, संतोष भारद्वाज, राजेश तिवारी, गोपाल मिश्र, अनुज तिवारी, सुरेंद्र पांडेय, आशुतोष पालीवाल, निर्मल शर्मा मौजूद रहे।