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आइटीएस अफसरों ने की डीओटी में वापसी की मांग Prayagraj News

बीएसएनएल घाटे के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में निगम में 50 साल से अधिक उम्र के अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) दी जा रही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 09:10 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 03:35 PM (IST)
आइटीएस अफसरों ने की डीओटी में वापसी की मांग Prayagraj News
आइटीएस अफसरों ने की डीओटी में वापसी की मांग Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन : भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) में तैनात करीब 550 आइटीएस (इंडियन टेलीकम्यूनिकेशन सर्विस) अब वापस अपने मूल विभाग डीओटी (डिपार्टमेंट आफ टेलीकॉम) में जाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें बीएसएनएल से नहीं छोड़ा जा रहा है।

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बीएसएनएल घाटे के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में निगम में 50 साल से अधिक उम्र के अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) दी जा रही है। इस कटेगरी में करीब एक लाख छह हजार अधिकारी कर्मचारी आते हैं। चूंकि निगम की स्थिति ठीक नहीं है इसलिए वीआरएस की प्रक्रिया शुरू होने के दस दिन के भीतर करीब 90 हजार अधिकारियों कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन कर दिया है। इसी निगम में 550 आइटीएस अफसर भी काम कर रहे हैं। इन पर वीआरएस लागू नहीं होता है। ये अधिकारी डीओटी के हैं और निगम में डेपुटेशन पर काम कर रहे हैं। अब निगम में वीआरएस की प्रक्रिया शुरू हुई तो आइटीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन जैन ने कहा कि निगम में कार्यरत करीब 550 आइटीएस को मूल विभाग में भेज दें। इससे निगम का खर्च कम होगा। साथ ही निगम के सीनियर अफसरों को रिटायर करने के बजाय जिम्मेदारी सौंपे। क्योंकि सीनियर अफसरों को रिटायर करने पर एक झटके में निगम को भारी धनराशि देनी पड़ेगी। प्रयागराज में दो आइटीएस तैनात हैं। यहां पर तैनात जीएम आनंद मिश्रा को बीबीएनएल (भारत ब्राडबैंड नेटवर्क लिमिटेड) में भेजा गया है लेकिन बीएसएनएल उनको छोड़ नहीं रहा है।


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