किसानों के आगे झुकना भाजपा सरकार का पैंतरा, बोले सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज
इंद्रजीत सरोज ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को हारने का डर सता रहा है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री ने किसान बिल को वापस लेते हुए किसानों से क्षमा मांगी। यह सब भाजपा का चुनावी फंडा है। इसके जरिए देश की जनता को गुमराह किया जा रहा है
प्रयागराज, जेएनएन। पड़ोसी जनपद कौशांबी में चायल तहसील के मखऊपुर गांव में सपा कार्यकर्ता सम्मेलन के मुख्य अतिथि रहे राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को अपने हारने का डर सता रहा है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री ने किसान बिल को वापस लेते हुए किसानों से क्षमा मांगी है। यह सब भाजपा का चुनावी फंडा है। इसके जरिए देश की जनता को गुमराह किया जा रहा है। भाजपा सरकार के मंसूबे देश की जनता के प्रति साफ नहीं है। इसलिए इस प्रकार की पैंतरेबाजी की जा रही है।
महंगाई और बेरोजगारी रोकने की बजाय गुमराह किया जा रहा जनता को
चायल विधानसभा के मखऊपुर गांव में शनिवार को आयोजित समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में आए सपा के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व कैबिनेट मंत्री इंद्रजीत सरोज ने कहा कि लगातार बढ़ती हुई महंगाई और बेरोजगारी को रोकने की बजाय वर्तमान सरकार जनता को गुमराह कर रही है। सरकार की इन नीतियों से प्रदेश की जनता त्रस्त हो चुकी है। आने वाले समय में जनता की नाराजगी का सैलाब बदलाव का संकेत दे रहा है। 2022 के चुनाव में सपा की सरकार आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि कानून बिल वापस लिया गया है। यह किसानों के संघर्षों की जीत है। इसमें भाजपा सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव में हारने का डर सता रहा था। इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी ने किसान बिल को वापस लेकर किसानों से माफी मांगी है।
मृत किसानों के परिवार के लोगों को मिले सरकारी नौकरी
किसान प्रधानमंत्री की इन बातों से झांसे में नहीं आने वाला। वह आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ नहीं रहेगा। इसके संकेत मिल चुके हैं। पूर्व विधायक आसिफ जाफरी ने जनसभा में किसानों को इस जीत की बधाई दी और कहा कि यह फैसला मोदी सरकार ने विधानसभा चुनाव को व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के विजय रथ यात्रा के दौरान रात में उमड़ी भीड़ को देखकर लिया है। कहा कि सरकार डर रही है कि जिस प्रकार किसान वर्षों से किसी कानून बिल को वापस लेने के लिए आंदोलन कर रहे हैं, आने वाले दिन में सरकार क्या कदम उठा सकेगी। कहा कि अगर यही फैसला पहले हो जाता तो इतने किसान शहीद नहीं होते। समाजवादी पार्टी मांग करती हैं कि जो किसान अंदोलन के दौरान शहीद हुए हैं उनके घरवालों को आर्थिक सहयोग और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दें। इस मौके पर जिलाध्यक्ष दयाशंकर यादव, राकेश पटेल भोला, आस्था पटेल, विजय प्रकाश उर्फ बब्लू यादव, अभिमन्यु, आरसी काजी, हाजी ओवैश, मोहम्मद अहमद, शाकिब आदि मौजूद रहे।