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फर्जी फर्मों पर शिकंजा कसने की तैयारी, वापस ली जाएगी आइटीसी Prayagraj News

कमिश्नर ने विशेष रूप से बोगस फर्मों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके द्वारा क्लेम की गई आइटीसी को एक सप्ताह के अंदर जमा कराने का निर्देश दिया है। पहले भी तमाम ऐसी फर्जी फर्में पकड़ी गई हैं जो झारखंड बिहार आदि राज्यों से माल खरीदती हैं

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 07:30 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 03:42 PM (IST)
फर्जी फर्मों पर शिकंजा कसने की तैयारी, वापस ली जाएगी आइटीसी Prayagraj News
बोगस फर्मों पर कार्रवाई करते हुए क्लेम की गई आइटीसी को एक सप्ताह में जमा कराने का निर्देश दिया है।

प्रयागराज,जेएनएन। झारखंड से मिले विभागीय इनपुट के आधार पर उन फर्जी (बोगस) फर्मों पर शिकंजा कसने की तैयारी हो गई है जो फर्में माल की खरीद दिखा रही हैं लेकिन, उन फर्मों और व्यापारी का कहीं अता-पता नहीं है। ऐसी फर्मों को तत्काल चिह्नित करके उनसे इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) वापस लेने का निर्देश एडिशनल कमिश्नर ने वाणिज्यकर विभाग को दिया है। कमिश्नर अमृता सोनी ने एक सप्ताह में यह कार्रवाई सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।

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समयबद्ध केसों की सुनवाई और निस्तारण की तिथि 30 जून की गई

वीडियो कांफ्रेंसिंग में मंगलवार को  वाणिज्यकर कमिश्नर ने सख्त लहजे में कहा था कि मार्च के समयबद्ध  केसों को हर हाल में 30 जून तक निस्तारित कर दिया जाए। प्रयागराज जोन में करीब पांच हजार प्रकरण लंबित हैं। कोरोना की दूसरी लहर के कारण मार्च के समयबद्ध केसों की सुनवाई और निस्तारण की तिथि 30 जून कर दी गई थी।

ब्याजमाफी के करीब 250 आवेदन आए हैं और लगभग 90 लाख रुपये बकाया टैक्स हुआ जमा

अफसरों का कहना है कि विशेष अनुसंधान शाखा (एसआइबी) के लंबित केसों में भी 30 तक शत-प्रतिशत आर्डर करने के निर्देश कमिश्नर ने दी हैं। ब्याजमाफी योजना में भी तेजी लाने की हिदायत दी गई है। यह योजना तीसरी बार आगे बढ़ाई गई है। इस जोन में ब्याजमाफी के करीब 250 आवेदन आए हैं और लगभग 90 लाख रुपये बकाया टैक्स जमा हुआ है।

आइटीसी एक सप्‍ताह के अंदर जमा करने का दिया निर्देश

कमिश्नर ने विशेष रूप से बोगस फर्मों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके द्वारा क्लेम की गई आइटीसी को एक सप्ताह के अंदर जमा कराने का निर्देश दिया है। पहले भी तमाम ऐसी फर्जी फर्में पकड़ी गई हैं, जो झारखंड, बिहार आदि राज्यों से माल खरीदती हैं मगर, जीएसटी रजिस्ट्रेशन में दर्ज पते पर न फर्म मिलती हैं और न ही उस नाम का व्यापारी मिलता है।


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