Share Market : शेयर से मिलने वाले लाभ का ब्योरा छिपाना पड़ेगा महंगा, जुर्माना के साथ सजा हो सकती है Prayagraj News
Share Market शेयर से मिलने वाले लाभ का ब्योरा रिटर्न में भरना अब जरूरी होगा। सेबी और सीबीडीटी के बीच करार से परिस्थिति बदल गई है।
प्रयागराज, जेएनएन। शेयर से लाभ कमाने वाले लोग सावधान हो जाएं। अब वह अपने लाभ को छिपा नहीं सकेंगे। उन्हें शेयर से लाभ का ब्योरा हर हाल में रिटर्न में भरना होगा। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ आयकर विभाग का शिकंजा कस सकता है। उन पर जुर्माना लगाने के साथ ही सजा की भी कार्रवाई हो सकती है। यह संभव हुआ है सेबी और सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) के बीच करार होने से। इस करार से शेयर बाजार से जुड़ी सभी जानकारियां आयकर विभाग को मिलती रहेंगी।
अभी तक आयकर विभाग सिर्फ करदाताओं पर भी निर्भर रहता था
अभी तक शेयर बाजार में शेयर की खरीद-फरोख्त करने वालों का जायजा लेने के लिए आयकर विभाग सिर्फ करदाताओं पर भी निर्भर रहता था। विभाग के पास सही जानकारी नहीं होती थी कि इस कारोबार से जुड़े कितने लोग रिटर्न दाखिल कर रहे हैं और कितने लोग रिटर्न नहीं भर रहे हैं। ऐसे में शेयर से लाभ कमाने वालों का ब्योरा हासिल करने के मकसद से ही हाल में सेबी और सीबीडीटी के बीच करार हुआ।
शेयरधारक लाभ नहीं छिपा सकेगा
करार के बाद वर्ष 2015-16 से अब तक स्टॉक मार्केट, फारवर्ड ट्रांजेक्शन करने वालों का ब्योरा विभाग ने सेबी से हासिल कर लिया है। आगे भी उसे सूचनाएं मिलती रहेंगी। लिहाजा, अब कोई भी शेयरधारक लाभ छिपाने की कोशिश करेगा तो उस तक विभाग की पहुंच आसानी से हो सकेगी।
करदाताओं को सभी सूचनाएं दी जाएंगी
सेबी से प्राप्त सभी सूचनाएं विभाग फार्म 26 एएफएस के माध्यम से करदाताओं को भी देगा। प्रत्यक्षकर मूल्यांकन सलाहकार (वित्त मंत्रालय) डाॅ. पवन जायसवाल का कहना है कि लांगटर्म और शार्टटर्म कैपिटल पर अलग-अलग टैक्स लगता है। बहुत से लोग जानकारी के अभाव में भी रिटर्न नहीं भरते थे। लेकिन, अब शेयर से जुड़ा कोई भी व्यक्ति रिटर्न दाखिल करने से बच नहीं सकेगा। कोई भी जानकारी छिपाने पर वह विभाग के शिकंजे में आ जाएगा।