फाइलेरिया की चेन तोड़ने के लिए दवाएं लेना है जरूरी, केंद्र सरकार के एक्सपर्ट दल ने प्रयागराज में की समीक्षा
डा. दीपा नवीन ने अभियान में आ रही परेशानियों को चिह्नित कर आशा आंगनबाड़ी व सुपरवाइजर को पुन प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया की चेन तोडऩे के लिए दवा का सेवन जरूरी है। स्तनपान कराने वाली माताएं भी इस दवा का सेवन करें।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। फाइलेरिया एक ऐसा रोग है जिसका मरीज स्वयं से चलने में असमर्थ हो जाता है। फाइलेरिया यानी हाथी पांव के इस जिले में फिलहाल 1800 मरीज हैं। और लोग भी इस रोग की चपेट में न आएं इसलिए स्वास्थ्य विभाग 12 जुलाई से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चला रहा है। इसके तहत टीमें घर-घर जाकर दवा खिला रही हैं। इस कार्यक्रम की सीएमओ कार्यालय में समीक्षा हुई। दिल्ली से आई टेक्निकल विशेषज्ञों की टीम ने फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की सफलता के टिप्स दिए।
स्तनपान कराने वाली माताएं भी इस दवा का सेवन करें
टेक्निकल सपोर्ट यूनिट की एसोसिएट अफसर डा. दीपा नवीन, डा. रोहित गर्ग, मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के कंट्री हेड डा. भूपेंद्र त्रिपाठी ने अभियान की प्रगति को जाना। जो भी लोग दवा खाने से इन्कार कर रहे हैं उनकी अलग से सूची बनाने को कहा। डा. दीपा नवीन ने अभियान में आ रही परेशानियों को चिह्नित कर आशा, आंगनबाड़ी व सुपरवाइजर को पुन: प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया की चेन तोडऩे के लिए दवा का सेवन जरूरी है। स्तनपान कराने वाली माताएं भी इस दवा का सेवन करें। मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए निरंतर समीक्षा की जा रही हैं। अध्यक्षता एसीएमओ डा. सत्येन राय ने की।