अपनी संस्कृति को बचाने के लिए धर्मांतरण पर कानून बनाना जरूरी : विभवनाथ Prayagraj News
यह दुर्भाग्य की बात है कि हमारे देश में राष्ट्रीयता जैसे विषय को भी राजनीति का हिस्सा बना लिया जाता है। यदि वैश्विक परिदृश्य पर देखे तो जर्मनी जापान जैसे देश सिर्फ इसलिए विकास की दौड़ में आगे हैं कि वहां बच्चे बच्चे को अपनी संस्कृति से प्रेम है।
प्रयागराज,जेएनएन। अपने धर्म और संस्कृति को बचाना सभी का दायित्व है। बिना इसके राष्ट्रीयता का विकास संभव नहीं है। बच्चों को शुरू से ही इसके बारे में बताया जाए तो नई पीढ़ी स्वत: इसे लेकर सजग हो जाएगी। शुरुआती चरण में हालात को नियंत्रित करने के लिए यदि कानून या विधेयक की जरूरत पड़ती है तो उसक प्रयोग अवश्य करना चाहिए। यह विचार यमुनापार जिलाध्यक्ष विभवनाथ भारती ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए रखा।
राष्ट्रीयता जैसे विषय को राजनीति का हिस्सा बनाना दुर्भाग्य पूर्ण
उन्होंने सिविल लाइंस में हुई बैठक में कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि हमारे देश में राष्ट्रीयता जैसे विषय को भी राजनीति का हिस्सा बना लिया जाता है। यदि वैश्विक परिदृश्य पर देखे तो जर्मनी, जापान जैसे देश सिर्फ इसलिए विकास की दौड़ में आगे हैं कि वहां बच्चे बच्चे को अपनी संस्कृति से प्रेम है। वह राष्ट्र को सब से पहले मानता है। उसके लिए राष्ट्रीयता विवाद का विषय नहीं है। दूसरी तरफ हमारे देश में राष्ट्रीयता की इतनी परिभाषाएं गढ़ दी गई हैं कि यह विषय भी विवाद की श्रेणी में आ चुका है। तरह के सवाल उठाए जाते हैं। जब भी कोई अपनी संस्कृति व संस्कार जैसे मुद्दों को उठाता है तो वह बहस का हिस्सा बन जाता है। इन सभी चीजों से निपटने के लिए कानून का भी सहारा लिया जाना चाहिए।
सभी को इस कानून का स्वागत करना चाहिए, सरकार का यह कदम सराहनीय
यदि सरकार ने धर्मांतरण व लव जिहाद जैसे मामले को लेकर काूनन बनाने की कवायद शुरू की है तो सभी को इसका स्वागत करना चाहिए। यह विषय राजनीति से बिलकुल अलग है। इसे तो सभी को अपने अस्तित्व से जोड़कर देखना चाहिए। क्यों कि अब हमारे देश पर सांस्कृतिक हमला हो रहा है। नई पीढ़ी पूरी तरह से उसकी गिरफ्त में है।
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