कौशांबी में डार्कजोन में पानी बचाने को ड्रिप व स्प्रिंकलर से सिंचाई की कवायद
इस वर्ष 288 हेक्टेयर खेत पर ड्रिप एवं 735 हेक्टेयर खेत में स्प्रिंकलर लगाने का लक्ष्य निर्धारित है। इस विधि से फसलों की सिंचाई करने में 40-50 प्रतिशत पानी की बचत हो सकती है।
कौशांबी,जेएनएन। डार्कजोन कौशांबी में भूगर्भ जल को बचाने के लिए शासन व प्रशासन द्वारा विशेष जोर दिया जा रहा है। फसलों की सिंचाई में पानी की अधिक बर्बादी न हो। इसके मद्देनजर ड्रिप व स्प्रिंकलर विधि से बागवानी व फसलों के की सिचाई के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत उद्यान विभाग किसानों को ड्रिप व स्प्रिंकलर खेतों में लगवाने के लिए लागत के सपेक्ष 90 फीसद अनुदान देगा।
जिले के छह विकासखंड डार्कजोन में
पर्याप्त बारिश व होने व भूगर्भ जल का अधिक दोहन होने की वजह से वर्ष 2010 में केंद्र सरकार ने जनपद के छह विकास खंडों को डार्कजोन घोषित किया है। जिन विकास खंडों को डार्कजोन घोषित किया गया गया है। उसमें सिराथू, मूरतगंज, कड़ा, चायल, सरसवां व मंझनपुर शामिल हैं। विकास खंडों के डार्कजोन घोषित होने के बाद भूगर्भ जल स्तर को सुधारने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। जिला उद्यान अधिकारी सुरेंद्रराम भाष्कर ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जिले में वर्ष 2012 से चलाई जा रही है। अब तक 800 से अधिक किसानों को योजना का लाभ दिया जा चुका है। कहा कि योजना के तहत सिंचाई के उपकरणों 90 फीसद अनुदान दिया जाएगा। इस वर्ष 288 हेक्टेयर खेत पर ड्रिप एवं 735 हेक्टेयर खेत में स्प्रिंकलर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस विधि से फसलों की सिंचाई करने में 40-50 प्रतिशत पानी की बचत के साथ 35-40 प्रतिशत उत्पादन में वृद्धि व गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है। योजना का लाभ पाने के लिए किसान विभाग की वेबसाइड पर ऑनलाइन आवेदन करें।
स्प्रिंकलर से इन फसलों की करें सिंचाई
स्प्रिंकलर से मटर, गाजर, मूली, विभिन्न प्रकार की पत्तेदार सब्जियां, दलहनी फसलें, तिलहनी फसलें, अन्य कृषि फसलें, औषधीय एवं सगंध फसलों की सरलता से सिंचाई कर पानी की बचत की जा सकती है। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि किसानों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
खास-खास
- सभी वर्ग के किसानों को मिलेगा योजना का लाभ।
- किसान के पास खुद की खेती एवं जल स्रोत होना जरूरी।
- खतौनी, आधार कार्ड, पास बुक की छाया प्रति लगाकर ऑनलाइन करें आवेदन
- किसानों के खाते में सीधे पहुंचेगा अनुदान
- किसानों को उद्यान विभाग देगा प्रशिक्षण