Allahabad University की ऑनलाइन परीक्षा में गजब! प्रश्नपत्र में चार की जगह पूछ लिया 12 सवाल
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रमेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि पैटर्न में गड़बड़ी हुई। परीक्षार्थियों को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। वर्कलोड के हिसाब से उन पर उतना ही भार है। खंड में नंबर प्रणाली के चलते छात्रों में भ्रम की स्थिति बनी है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) की ऑनलाइन मोड में होने वाली परीक्षा में तकनीकी दिक्कतों के साथ एक नई समस्या से भी परीक्षार्थी असमंजस में हैं। परीक्षा से पूर्व जारी गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया था कि परीक्षार्थियों से केवल चार सवाल ही पूछे जाएंगे। उन्हें 12 पेजों में इसका जवाब देना होगा। हालांकि, प्रश्नपत्र में चार की जगह 12 सवाल पूछे जा रहे हैं। परेशान परीक्षार्थियों ने मामले की शिकायत भी की है।
परीक्षार्थियों ने की शिकायत
परीक्षार्थियों ने बताया कि सोमवार को भी परीक्षा के दौरान तकनीकी समस्या बरकरार रही। यही वजह है कि प्रश्नपत्र अपलोड करने और उत्तर पुस्तिका डाउनलोड करने में काफी समस्याएं आईं। राजनीति विज्ञान के पेपर में भी यह समस्या बनी रही। इसके अलावा कुछ परीक्षार्थियों ने बताया कि परीक्षा शुरू होते ही प्रश्नपत्र पोर्टल पर दिखा फिर गायब हो गया। इस वजह से वह तकरीबन एक से डेढ़ घंटे तक परेशान रहे।
पोर्टल पर अपलोड के दौरान भी नहीं की गई जांच
सबसे बड़ी समस्या परीक्षार्थियों के बीच यह थी कि प्रश्नपत्र में 12 सवाल पूछ लिए गए थे। हालांकि, यह समस्या प्रश्नपत्र तैयार करने वाले शिक्षकों की लापरवाही के चलते हुई है। इसके बाद पोर्टल पर अपलोड करते वक्त भी परीक्षा विभाग ने बगैर जांच किए अपलोड कर दिया।
बोले, परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रमेंद्र
इस संदर्भ में परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रमेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि पैटर्न में गड़बड़ी हुई। परीक्षार्थियों को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। वर्कलोड के हिसाब से उन पर उतना ही भार है। खंड में नंबर प्रणाली के चलते छात्रों में भ्रम की स्थिति बनी है।
आज से अपलोड प्रक्रिया होगी आसान
उत्तर पुस्तिका अपलोड नहीं होने के चलते सर्वाधिक परेशानी गैरजनपद के परीक्षार्थियों को हो रही थी। वह कैंपस आने की भी स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में सोमवार को यह प्रक्रिया आसान कर दी गई। परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि उत्तर पुस्तिका अपलोड करने में अब परीक्षार्थियों को परेशानी नहीं होगी। कुछ तकनीकी बदलाव किए गए हैं।