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जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत प्रज्ञानंद ब्रह्मलीन, प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में ली अंतिम सांस

सेवानिवृत्त होकर प्रभुनाथ जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि के संपर्क में आए। धार्मिक गतिविधियों के प्रति उनका झुकाव बढ़ता गया। उन्होंने हरि गिरि से संन्यास की दीक्षा लिया। 2019 में जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने हरिहर आश्रम में उन्हें महामंत्री पद पर आसीन किया

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 03:20 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 03:20 PM (IST)
जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत प्रज्ञानंद ब्रह्मलीन, प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में ली अंतिम सांस
श्रीमहंत प्रज्ञानंद जूना अखाड़ा के वृंदावन आश्रम के प्रभारी थे। उन्हें शुक्रवार को उसी आश्रम में समाधि दी जाएगी।

प्रयागराज, जेएनएन। जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत प्रज्ञानंद गिरि गुरुवार की सुबह ब्रह्मलीन हो गए। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। श्रीमहंत प्रज्ञानंद जूना अखाड़ा के वृंदावन आश्रम के प्रभारी थे। उन्हें शुक्रवार को उसी आश्रम में समाधि दी जाएगी। परिजन पार्थिव शरीर को लेकर वृंदावन जाएंगे। समाधि प्रक्रिया में महंत हरि गिरि सहित जूना अखाड़ा के प्रमुख पदाधिकारी शामिल होंगे।

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बलिया के थे निवासी और नाम था प्रभुनाथ ओझा 

बलिया जिला के सेंदुरिया गांव में जन्मे श्रीमहंत प्रज्ञानंद का संन्यास से पहले का नाम प्रभुनाथ ओझा था। वे उत्तर प्रदेश पुलिस से 2008 में डिप्टी एसपी पद से सेवानिवृत्त हुए। इनके बड़े बेटे देवकांत गांव में रहते हैं। जबकि छोटे बेटे डॉ. शिवेंदु मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के एनिस्थीसिया व छोटी बहु डॉ. अर्चना न्यूरोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। बेटी नीलम भी डॉक्टर हैं। सेवानिवृत्त होने के बाद प्रभुनाथ जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि के संपर्क में आ गए। इससे धार्मिक गतिविधियों के प्रति उनका झुकाव बढ़ता गया। उन्होंने हरि गिरि से संन्यास की दीक्षा लिया। जबकि 2019 में जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने हरिहर आश्रम में उन्हें विधिवत दीक्षित करते हुए महामंत्री पद पर आसीन किया। वृंदावन आश्रम में 22 अप्रैल की रात उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी। सूचना मिलने पर डॉ. शिवेंदु ने उन्हें एंबुलेंस से प्रयागराज बुलवाकर एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया।


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