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बर्बरतापूर्ण छात्रों की पिटाई मामले में इंटेलिजेंस की चूक, सोशल मीडिया सेल की नाकामी से हुआ बखेड़ा

छात्रों की पुलिस द्वारा बर्बर पिटाई का मामला ट्विटर पर ट्रेंड किया और छात्रों के समर्थन में विभिन्न राजनीतिक दल उतरे। इससे पुलिस प्रशासन को बैकफुट पर ला दिया। एसएसपी समेत तमाम अफसर हैंड लाउडर लेकर सहानुभूति जताने की कोशिश डेलीगेसी के आसपास घूमते रहे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 10:15 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 10:15 AM (IST)
बर्बरतापूर्ण छात्रों की पिटाई मामले में इंटेलिजेंस की चूक, सोशल मीडिया सेल की नाकामी से हुआ बखेड़ा
प्रयागराज में छात्रों की पिटाई का वीडियो इंटरनेट पर वायरल होने के बाद पुलिस की छवि उजागर हुई।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज की पुलिस भले ही बवाल के लिए राजनीतिक फंडिंग और छात्रों के बीच घुसे उपद्रवियों को घटना के लिए जिम्मेदार मान रही है। हालांकि खुफिया तंत्र से लेकर पुलिस की सोशल मीडिया सेल कितनी सक्रिय और सतर्क थी, इसका भी पता चल गया। वह भी तब जब विधानसभा चुनाव को लेकर स्थानीय अभिसूचना इकाई, स्पेशल टीम और मीडिया सेल को एक्टिव करते हुए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश गए थे। अब इस घटना के लिए इंटेलिजेंस की चूक और सोशल मीडिया सेल में तैनात पुलिसकर्मियों की लापरवाही को भी माना जा रहा है।

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पुलिस प्रशासन बैकफुट पर

जिस तरह से पूरा मामला ट्विटर पर ट्रेंड किया और छात्रों के समर्थन में विभिन्न राजनीतिक दल उतरे, उसने पुलिस प्रशासन को बैकफुट पर ला दिया। यही कारण रहा कि दिन में बर्बरतापूर्वक छात्रों की पिटाई के बाद रात को एसएसपी समेत तमाम अफसर हैंड लाउडर लेकर सहानुभूति जताने की कोशिश डेलीगेसी के आसपास घूमते रहे। छात्रों को आश्वस्त किया जाता रहा है कि पुलिस निर्दाेष छात्रों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं करेगी। वह किसी के बहकावे में नहीं आए और अपने भविष्य को ध्यान में रखते हुए पढ़ाई करें।

पुलिसकर्मियों को निलंबित कर की जा रही विभागीय जांच

जिन पुलिसकर्मियों ने अनावश्यक बल का प्रयोग किया था और तोडफ़ोड़ की कोशिश की थी, उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय जांच कराई जा रही है। यह भी कहा गया कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। हालांकि तब तक इतनी देर हो चुकी थी कि इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहे एक के बाद एक हो रहे पिटाई के वीडियो ने पुलिस की छवि को धूमिल बना दिया। ऐसा तब हुआ, जब लोगों के बीच पुलिस अपनी साख और विश्वनीयता को बचाने के लिए जिद्दोजहद कर रही थी।


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