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Murder Case: बंदूक होने पर भी मेरा अपमान, यह कहते बरसा दी भतीजों पर गाेलियां

ग्रामीणों का कहना था कि नीलकमल गुस्से पर काबू कर लेता और तैश में न आता तो इतनी बड़ी घटना न होती। गिरफ्तारी के बाद अभियुक्त ने कहा कि उसने सम्मान बचाने के लिए आपा खोकर गोली मारी। असलहा होने के बाद दबकर रहना उसके लिए मुनासिब नहीं था।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 10:10 AM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 10:28 AM (IST)
Murder Case: बंदूक होने पर भी मेरा अपमान, यह कहते बरसा दी भतीजों पर गाेलियां
भतीजों ने मारा धक्का तो तैश में आया था चाचा, छोटी सी बात से दो परिवारों हुए तबाह

प्रयागराजवह, जागरण संवाददाता। बच्चों के पेशाब करने को लेकर हुए झगड़े के दौरान दीपक और वैभव ने अपने चाचा नीलकमल को धक्का दे दिया। इससे वह कई कदम पीछे चला गया और जमीन पर गिरते-गिरते बचा। फिर नील कमल तेज आवाज में बोला- मेरे पास बंदूक है। बंदूक होने पर भी मेरा अपमान होगा। दौड़कर भीतर गया और फिर लाइसेंसी बंदूक लाकर गोलियां बरसा दीं। दोनों भाईयों को गोली लगते ही अफरातफरी मच गई। ग्रामीणों ने पुलिस ने पुलिस को करीब पांच राउंड फायरिंग करने की जानकारी दी, लेकिन मौके से बरामद तीन खोखा कारतूस के आधार पर पुलिस का दावा है कि अभियुक्त ने सिंगल बैरल बंदूक से तीन गोली चलाई थी। बहरहाल, छोटी सी बात पर हुई इस घटना ने दो परिवारो को तबाह कर दिया। एक तरफ जहां दीपक की मौत हो गई तो दूसरी तरफ उसका चाचा नीलकमल अब सलाखों के पीछे रहेगा। इनकी पत्नियां व बच्चे भी परेशान होते रहेंगे। ग्रामीणों का कहना था कि अगर नीलकमल अपने गुस्से पर काबू कर लेता और तैश में न आता तो शायद इतनी बढ़ी घटना न होती। गिरफ्तारी के बाद अभियुक्त ने कहा कि उसने सम्मान बचाने के लिए आपा खोकर गोली मारी। असलहा होने के बाद दबकर रहना उसके लिए मुनासिब नहीं था।

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10 साल पहले भी बंदूक निकालकर धमकाया था 

चाचा और भतीजों के बीच जमीन व मकान को लेकर भी पुरानी रंजिश की बात सामने आई है। राम लखन शुक्ला और दिनेश चंद्र शुक्ला सगे भाई हैं, जो एक ही घर में रहते थे। नीलकमल के पिता राम लखन नया घर बनाकर सामने रहने लगे, पुराने मकान में हिस्से को लेकर मनमुटाव चला आ रहा था। बताया जाता है कि करीब 10 साल पहले हिस्सेदारी को लेकर नीलकमल शुक्ला से विवाद हुआ था। तब उसने असलहा निकालकर जान से मारने की धमकी दी थी। शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते वह मनबढ़ होता गया। ग्रामीणों का आरोप है कि नीलकमल गांव के दूसरे लोगों को भी बात-बात पर बंदूक से गोली मारने की धमकी देता रहता था।

बिलखते रहे बच्चे, परिवार में मातम

दीपक की मौत और वैभव के गंभीर रूप से घायल होने से परिवार में मातम छा गया। दीपक की पत्नी अंजली, 10 वर्षीय बेटा अंश व नौ साल का प्रिंस भी बिलखते रहे। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर यह सब क्या हो गया। वहीं, नीलकमल के स्वजन भी घटना को लेकर हैरानी जताते रहे। घटना से दीपक के परिवार में गम व गुस्सा छाया है। व्याप्त तनाव को देखते हुए गांव में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि दीपक के चेहरे से लेकर सिर तक दर्जनों छर्रे धंस गए थे।


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