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Mid Day Meal: महंगाई बढ़ती गई लेकिेन स्कूलों में मिड डे मील की रकम में बदलाव नहीं

प्रयागराज के 3214 विद्यालयों के 5 लाख 12 हजार 654 बच्चों को मिड डे मील बांटा जाता है। विभाग का प्रयास होता है कि सभी जगहों पर मेन्यू के अनुसार गुणवत्तायुक्त भोजन दिया जाए। इसके बाद भी एमडीएम के लिए मिलने वाली धनराशि में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 10:20 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 10:20 AM (IST)
Mid Day Meal: महंगाई बढ़ती गई लेकिेन स्कूलों में मिड डे मील की रकम में बदलाव नहीं
विभाग का प्रयास होता है कि सभी जगहों पर मेन्यू के अनुसार गुणवत्तायुक्त भोजन दिया जाए।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। महंगाई लगातार बढ़ रही है। सब्जी, तेल, मिर्च, मसाला, फल, दूध जैसी चीजों की कीमतों में उछाल बना हुआ है। इन सब के बाद भी परिषदीय स्कूलों में मिड डे मील के लिए दी जाने वाली कन्वर्जन कास्ट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दो साल पहले जो कन्वर्जन कास्ट मिलती थी वहीं अब भी मिल रही है। इससे स्कूलों में विद्यार्थियों को मिलने वाले खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता पर भी प्रश्न उठने लगा है।

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यहां 5.12 लाख बच्चों को मिड डे मील वितरण

प्रयागराज के 3214 विद्यालयों के 5 लाख 12 हजार 654 बच्चों को मिड डे मील बांटा जाता है। विभाग का प्रयास होता है कि सभी जगहों पर मेन्यू के अनुसार गुणवत्तायुक्त भोजन दिया जाए। इसके बाद भी अब तक बच्चों के भोजन के लिए मिलने वाली धनराशि में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। मिड डे मील के जिला समन्वयक राजीव त्रिपाठी ने बताया कि जूनियर स्कूल के विद्यार्थियों के लिए 7.45 रुपये और प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए 4.97 रुपये प्रति छात्र की दर से धन शासन से मिलता है। इसी राशि में प्रयास होता है कि गुणवत्ता युक्त दोपहर का भोजन बच्चों को दिया जाए। यदि इसमें कुछ बढ़ोतरी हो जाए तो गुणवत्ता को बनाए रखने में सहूलियत होगी। फिलहाल अब भी यही प्रयास हो रहा है कि बच्चों को बेहतर भोजन मेन्यू के अनुसार दिया जाए।

80 प्रतिशत बच्चों का होता है भुगतान

स्कूलों में मिड डे मील के लिए जो भुगतान होता है वह 80 प्रतिशत बच्चों के हिसाब से किया जाता है। भले ही बच्चे शतप्रतिशत हों। इसकी वजह से महंगाई का असर बढ़ जाती है। 80 प्रतिशत के हिसाब से भुगतान की व्यवस्था शासन स्तर से ही की गई है। मिड डे मील समन्वयक राजीव त्रिपाठी ने बताया कि कन्वर्जन कास्ट का निर्धारण शासन स्तर से होता है। इसमें जिले के अधिकारियों की कोई भूमिका नहीं होती है।

पिछले कुछ वर्षों की कन्वर्जन कास्ट का विवरण

वर्ष 2012 में प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के लिए कन्वर्जन कास्ट 2.89 रुपये व जूनियर के लिए 4.33 रुपये। 2013 के लिए 3.11 रुपये व 4.65 रुपये। 2014 के लिए 3.34 रुपये व 5.00 रुपये। 2015 के लिए 3.59 रुपये व 5.38 रुपये। 2016 के लिए 3.86 रुपये व 5.78 रुपये। 2017 के लिए 4.13 रुपये व 6.18 रुपये, 2018 के लिए 4.35 रुपये व 6.51 रुपये, 2019 के लिए 4.48 रुपये व 6.71 रुपये व 2020 के लिए 4.97 रुपये व 7.45 रुपये कन्वर्जन कास्ट तय की गई।

कब क्या दिया जाना है

सोमवार को गेहूं की रोटी, दाल, सोयाबीन की बड़ी युक्त सब्जी, मंगलवार को चावल, दाल- चना, अरहर व अन्य दाल का प्रयोग कर सकते हैं। बुधवार को तहरी मौसमी सब्जी मिलाकर साथ में गर्म दूध भी देना है। गुरुवार को गेहूं की रोटी, दाल देना है। शुक्रवार को तहरी मौसमी सब्जी मिलाकर, उसमें आलू सोयाबीन भी रहेगी। शनिवार को सब्जी चावल, सोयाबीन का भी प्रयोग कर सकते हैं।


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