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Indian Railways: प्रयागराज से पीडीडीयू जंक्शन के बीच तीसरी लाइन को महज 1000 रुपये मिला बजट, की गई अनदेखी

Indian Railways प्रयागराज से मुगलसराय के बीच तीसरी लाइन का काम एनसीआर के मेट्रो प्रोजेक्ट में शामिल है। हालांकि इस बार इसकी अनदेखी की गई है। बताया जा रहा है कि ईस्टर्न डीएफसी का काम अगले वर्ष तक पूरा हो जाएगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 10:53 AM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2021 10:53 AM (IST)
Indian Railways: प्रयागराज से पीडीडीयू जंक्शन के बीच तीसरी लाइन को महज 1000 रुपये मिला बजट, की गई अनदेखी
एनसीआर की कई प्रोजेक्‍ट हैं, जिन पर बजट में सिर्फ एक-एक हजार रुपये मिले हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। अगले वित्तीय वर्ष के लिए एनसीआर में ढाई सौ ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जिनके लिए एक-एक हजार रुपये ही खर्च किए जाएंगे। इसी के तहत प्रयागराज से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (मुगलसराय) के बीच तीसरी लाइन के निर्माण को भी महज एक हजार रुपये ही स्वीकृत किया गया है।

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उत्तर मध्य रेलवे को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए इस बार रेल मंत्रालय ने 32.35 अरब रुपये का बजट दिया है। इससे कुल 844 प्रोजेक्ट पर काम किया जाना है। कई पुराने काम भी है, जिन्हें जारी रखने के लिए बजट दिया गया है। प्रयागराज से मुगलसराय के बीच तीसरी लाइन का काम एनसीआर के मेट्रो प्रोजेक्ट में शामिल है। हालांकि इस बार इसकी अनदेखी की गई है। बताया जा रहा है कि ईस्टर्न डीएफसी का काम अगले वर्ष तक पूरा हो जाएगा। वीडियो से कानपुर सेंट्रल के बीच चलने वाली माल गाड़ियां स्टैंड डीएससी पर शिफ्ट कर दी जाएंगी। इसलिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से कानपुर वाया प्रयागराज रूट पर सिर्फ यात्री गाड़ियां ही चलाई जाएंगी । इससे थर्ड लाइन की उपयोगिता भी कम रह जाएगी।

इसके अलावा नैनी से इरादतगंज तक बनने वाले फ्लाईओवर का निर्माण कार्य भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। करीब सवा अरब की लागत से बनने वाले इस फ्लाईओवर के लिए महज एक हजार रुपये ही स्वीकृत किए गए हैं। करछना से इरादतगंज फ्लाईओवर को तरजीह नहीं मिली है।

उधर , एनसीआर के सीपीआरओ अजीत कुमार सिंह का कहना है कि अपना स्ट्रक्चर सुधारने में इस वर्ष रेलवे का जोर है । इसलिए ऐसे काम प्राथमिकता के आधार पर कराए जाएंगे , जो इंफ्रास्ट्रक्चर सुधरेगा। जिसमें कम राशि आवंटित की गई है, वह तरह की टोकन मनी मानी जा सकती है। ताकि प्रोजेक्ट का काम अटके नहीं । क्योंकि उस पर भविष्य में काम किया जाना है।


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