इंडियन रेलवे: विद्युतीकरण हो चुके रूटों पर अब ट्रेनें चलेंगी राइट टाइम, नहीं होंगी विलंबित
केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (कोर) के महाप्रबंधक ने बताया कि हरित रेलवे बनाने का लक्ष्य पूरा किया जाना है। इसमें सभी नौ इकाइयों (अहमदाबाद कोलकाता जयपुर लखनऊ चेन्नई गुवाहाटी बैंगलोर सिकंदराबाद अंबाला) का अहम योगदान रहा। अब ट्रेनें समय से पहुंचेगी इलेक्ट्रिक ट्रेनों की संख्या बढेगी।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। भारतीय रेल ने 2020-21 कलेंडर वर्ष में सर्वाधिक विद्युतीकरण का कीर्तिमान बनाया है। एक साल में पूरे देश में 6200 करोड़ से 6000 किमी रूट का विद्युतीकरण हुआ। अब इन रूटों पर ट्रेनों की समयपालनता बढ़ेगी। केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (कोर) के महाप्रबंधक यशपाल सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2030 तक सभी रूटों के विद्युतीकरण का लक्ष्य निर्धारित है।
हरित रेलवे बनाने का लक्ष्य है
केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (कोर) के महाप्रबंधक ने बताया कि हरित रेलवे बनाने का लक्ष्य पूरा किया जाना है। इसमें सभी नौ इकाइयों (अहमदाबाद, कोलकाता, जयपुर, लखनऊ, चेन्नई, गुवाहाटी, बैंगलोर, सिकंदराबाद, अंबाला) का अहम योगदान रहा। अब ट्रेनें समय से पहुंचेगी, इलेक्ट्रिक ट्रेनों की संख्या बढेगी।
रेलवे ने उपलब्धि हासिल की है
उन्होंने बताया कि लखनऊ परियोजना ने शिकोहाबाद से मैनपुरी (51.8आरकेएम) खंड का सीआरएस निरीक्षण के साथ यह उपलब्धि हासिल की है। इस वर्ष सुल्तानपुर से अयोध्या कैंट (58.24 आरकेएम) खंड, अकबरपुर से अयोध्या कैंट (61.15 आरकेएम) का विद्युतीकरण, श्रीरामपुर से न्यू बोंगाईगांव, रायपुर मंडल के बालोद से दल्ली राझरा (24 आरकेएम), पालनपुर से पीपावाव पोर्ट का डीएफसी रूट का विद्युतीकरण हो चुका है।
सीपीआरओ अमिताभ शर्मा ने यह कहा
सीपीआरओ अमिताभ शर्मा ने बताया कि हम प्रतिबद्ध हैं कि लगातार रिकार्ड तोड़ते रहेंगे, बड़े लक्ष्य हासिल करेंगे। अपने प्रदर्शन से दूसरों के लिए उदाहरण बनेगें और भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देंगे।