Indian Railway News: प्रयागराज-उधमपुर एक्सप्रेस में भी लगे दो इकोनामी कोच, यात्रियों को होगी सुविधा
Indian Railway News सीपीआरओ ने बताया कि प्रयागराज-उधमपुर स्पेशल ट्रेन में लगे इकोनामी कोच में 72 की जगह 83 सीटें हैं। दिव्यांगजनों की सुविधा को देखते हुए इसे विशेष तौर से तैयार किया गया है। इन कोच में अन्य सुविधाओं के साथ ही फायर सेफ्टी के भी आधुनिक इंतजाम है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। हाई टेक युग में भारतीय रेलवे भी यात्रियों की सुविधाओं में वृद्धि कर रही है। इसी क्रम में ब आधुनिक सुविधाओं से युक्त एसी थ्री टियर इकोनामी कोच प्रयागराज-उधमपुर स्पेशल ट्रेन में लगा दिए गए हैं। इस कोच के साथ पहले दिन ये 04141 ट्रेन उधमपुर के लिए रवाना हुई। अभी इसमें दो इकोनामी कोच लगाए गए हैं। इससे पहले ऐसे कोच प्रयागराज-जयपुर सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन में भी इकोनामी कोच लगाया जा चुका है।
कोच एम वन ओर एम टू हैं
प्रयागराज-उधमपुर स्पेशल में लगाए गए कोच एम वन और एम टू हैं। पहले दिन ही इन दोनों कोच की 166 सीटें फुुल हो गईं। यह ट्रेन सोमवार की दोपहर 3:50 बजे प्रयागराज जंक्शन से रवाना हुई। फतेहपुर, कानपुर, टूंडला, खुर्जा, बुलंदशहर, मेरठ सिटी और अंबाला कैंट से होते हुए दूसरे दिन यह ट्रेन 12:45 पर उधमपुर स्टेशन पहुंची।
कोच की ये हैं विशेषताएं
सीपीआरओ शिवम शर्मा ने बताया कि इकोनामी कोच में 72 की जगह 83 सीटें हैं। दिव्यांगजनों की सुविधा को देखते हुए इसे विशेष तौर से तैयार किया गया है। इन कोच में मोबाइल फोन और मैगजीन होल्डर जैसी सुविधाओं के साथ ही फायर सेफ्टी के भी आधुनिक इंतजाम किए गए हैं। पर्सनलाइज्ड रीडिंग लाइट, एसी वेंट्स, यूएसबी प्वाइंटर पाइंट, मोबाइल चार्जिंग पाइंट, ऊपरी बर्थ पर चढऩे के लिए बेहतर सीढ़ी और स्नैक टेबल जैसे खास फीचर हैं। इकोनामी कोच 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से चलने में सक्षम हैं।
डीएफसी ने तीन घंटे में बनाया 80 मीटर लंबा पुल
डेडिकेट फ्रेट कारीडोर (डीएफसी) ने चुनार में 80 मीटर लंबा पुल तीन घंटे में बनाकर तैयार कर दिया। इस रेल ओवरब्रिज के बनने से चुनार–चोपन निर्बाध रेल परिचालन हो सकेगा। डीएफसी के चीफ जनरल मैनेजर ओमप्रकाश ने यह बताया कि यह ब्रिज 520 टन का 80 मीटर लंबा है। इसे तीन घंटे में तैयार किया गया है। इस ब्रिज के बनने से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, चोपन होते हुए झारखंड को जाने वाली मालगाडिय़ों को गति मिलेगी। इस दौरान जीएमआर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीव कुमार, परियोजना निदेशक राजसिंह टाक, परियोजना प्रबंधक देवेंद्र कुमार शर्मा, मुख्य परियोजना प्रबंधक पूर्णानंद झा, एआइएमएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दलजीत सिंह आदि मौजूद थे।