खाद्यान्न की आवक दो तिहाई घटी
कोरोना महामारी के देश में होते भयावह स्वरूप का असर खाद्यान्न पर भी पड़ने लगा है। कई राज्यों में लॉकडाउन से खाद्य सामग्री की आवक करीब दो तिहाई घट गई है। सरसों के तेल की आपूíत कंपनियों ने सोमवार से ही बंद कर दी है। हालात पिछले साल लॉकडाउन के दौरान की तरह होने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : कोरोना महामारी के देश में होते भयावह स्वरूप का असर खाद्यान्न पर भी पड़ने लगा है। कई राज्यों में लॉकडाउन से खाद्य सामग्री की आवक करीब दो तिहाई घट गई है। सरसों के तेल की आपूíत कंपनियों ने सोमवार से ही बंद कर दी है। हालात पिछले साल लॉकडाउन के दौरान की तरह होने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।
अरहर, चना, मटर, मूंग, उड़द की दाल के अलावा खड़ा चना, मटर, उड़द, मूंग आदि खाद्य सामग्री मध्य प्रदेश के जबलपुर, कटनी, छत्तीसगढ़ के रायपुर और महाराष्ट्र के नागपुर से मुट्ठीगंज एवं गाजीगंज मंडियों में आती है। सरसों का तेल आगरा और राजस्थान से आता है। थोक कारोबारियों का कहना है कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन होने से इन खाद्य सामग्री की आवक लगभग 65-70 फीसद तक घट गई है। सामान्य दिनों में अरहर की दाल मंडी में 10-12 ट्रक आती थी लेकिन, इधर संख्या घटकर चार-पांच तक सीमित हो गई है। इसी अनुपात में अन्य सामग्री की आवक भी हो रही है।
सरसों के तेल का स्टॉक डंप करने के आसार
कंपनियों द्वारा सरसों के तेल की आपूíत ठप किए जाने से यह संभावना जताई जाने लगी है कि कंपनियां स्टॉक को डंप करने लगी हैं। शायद उन्हें लॉकडाउन होने का भान होने लगा है, जिससे वह कीमतें बढ़ाकर तेल बेचेंगे। इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी का कहना है कि कंपनियों की तरफ से कहा जा रहा कि अभी माल तैयार नहीं है। माल तैयार होने पर भेजा जाएगा। दलहन की आवक करीब दो तिहाई तक घट गई है। दाल की थोक और फुटकर कीमत
अरहर-100-105
चना-65-66-70
मटर-58-60-65
मूंग-90-92-95
उड़द-92-94-98
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नोट: दाम रुपये प्रति किलो में।