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कोरोना संकट में बेड और इंजेक्शन के नाम पर साइबर शातिर भी प्रयागराज के लोगों को दे रहे गहरी चोट

आपदा में भी साइबर शातिर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। पहले ये लोगों को ठगने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते थे लेकिन अब तो कोरोना महामारी को ही हथियार बना लिया है। लोगों की विवशता का फायदा उठाते हुए ये उनको शिकार बनाने में लगे हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 04:13 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 04:13 PM (IST)
कोरोना संकट में बेड और इंजेक्शन के नाम पर साइबर शातिर भी प्रयागराज के लोगों को दे रहे गहरी चोट
करोड़ों लोग परेशान हैं मगर इस आपदा में भी साइबर शातिर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।

प्रयागराज, राजेंद्र यादव। कोरोना महामारी की वजह से पूरी दुनिया और अपने देश में भी करोड़ों लोग परेशान हैं मगर इस आपदा में भी साइबर शातिर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। पहले ये लोगों को ठगने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते थे, लेकिन अब तो कोरोना महामारी को ही हथियार बना लिया है। लोगों की विवशता का फायदा उठाते हुए ये उनको अपना शिकार बनाने में लगे हैं। अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर दवा को उपलब्ध कराने का ये झांसा दे रहे हैं।

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इलाज की व्यवस्था कराने के नाम पर मांगते हैं मोटी रकम
करेली के रहने वाले मोहिउद्दीन के पास तीन दिन पहले एक फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि वह स्वास्थ्य विभाग से बोल रहा है। आपके यहां कोई कोरोना से पीड़ित तो नहीं है। मोहिउद्दीन ने उससे कहा कि उसके एक रिश्तेदार पीड़ित हैं। लेकिन अस्पताल में भर्ती नहीं करा पा रहे हैं। जिस पर फोन करने वाले ने कहा कि चिंता मत करिए। अस्पताल में भी भर्ती करा दिया जाएगा और बेड भी मिल जाएगी। ऑक्सीजन के साथ ही रेमडेसिविर दवा भी उपलब्ध करा दी जाइए। इसके बाद उसने नाम और पता पूछकर कुछ देर बाद दोबारा फोन करने की बात कही। करीब पांच मिनट बाद उसका फिर फोन आया और उसने कहा कि सभी व्यवस्था के लिए एक लाख रुपये जमा करना होगा। ये पेमेंट ऑनलाइन होगा। मोहिउद्दीन ने इतने रुपये न होने की बात कही तो उसने कहा कि 50 हजार अभी और शेष रुपये भर्ती होने के तत्काल बाद जमा कराना होगा। मोहिउद्दीन ने किस अस्पताल में भर्ती करना है, इस बारे में पूछा तो वह गोलमोल जवाब देने लगा, जिस पर वह समझ गए कि फोन करने वाला शातिर है। उन्होंने फोन काटा और खुद डॉयल किया, लेकिन वह नंबर नहीं लगा। इसी प्रकार अल्लापुर क्षेत्र के रहने वाले राजेश कुमार के पास भी ऐसा ही फोन आया, लेकिन इनकी सजगता के कारण इनके रुपये बच गए। इसलिए ऐसे शातिरों को खुद को बचाने के लिए जागरुक और सतर्क रहने की जरूरत है।

इन बातों का रखें ध्यान
-अस्पताल, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर दवा के लिए कोई फोन नहीं आता है।
-होम आइसोलेशन में रहने वालाें को फोन कर उनकी तबीयत के बारे में पूछा जाता है।
-ऐसे किसी भी कॉल के आने पर कत्तई अपना बैंक का खाता नंबर न बताएं।
-ऑनलाइन पेमेंट किसी भी सूरत में न करें।
-तत्काल ऐसे फोन करने वालों के बारे में पुलिस को सूचना दें।
-अस्पतालों और दवा की दुकानों के आसपास दलालों से सतर्क रहें।
 

एसपी क्राइम का यह है कहना

साइबर शातिरों से बचने के लिए जागरुकता बेहद जरूरी है। लोगों को अनर्गल फोन रिसीव ही नहीं करना चाहिए। अपरिचित व्यक्ति द्वारा फोन कर किसी प्रकार की लुभावनी बातें कहीं जाती हैं तो तत्काल फोन काटकर पुलिस को जानकारी देनी चाहिए।
आशुतोष मिश्रा, एसपी क्राइम।


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