स्टंट करते समय दो बाइकें टकराईं, तीन की मौत व तीन जख्मी
नैनी के दुबराजपुर में सड़क हादसा हो गया। दो बाइकों की टक्कर में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि तीन जख्मी हो गए। घायलों को शहर के अस्पताल मेें भर्ती कराया गया है।
प्रयागराज, जेएनएन। बाइक पर स्टंट करना सोनू और उसके साथी मनोज को भारी पड़ गया। दो बाइकों में सीधी भिड़ंत से साथियों समेत तीन की मौत हो गई। हादसे में तीन अन्य भी जख्मी हो गए। उन्हें अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दुबराजपुर गांव की पुलिया के समीप हुई दुर्घटना
दर्दनाक हादसा नैनी थाना क्षेत्र के दुबराजपुर गांव के सामने हुआ। मड़ौका गांव निवासी सोनू (20) पुत्र अशोक निषाद पेटिंग का काम करता है। उसकी बुआ घूरपुर के करमा बाजार में रहती है। रविवार शाम वह अपने गांव के साथी मनोज (21) पुत्र मिश्री लाल व शालू (20) पुत्र किशन लाल के साथ बुआ से मिलने गया था। शाम को तीनों अपाचे बाइक से वापस घर लौट रहे थे। कहा जा रहा है कि तेज रफ्तार में बाइक सोनू चला रहा था। वह बीच-बीच में खड़े होकर यानी स्टंट करते हुए भी बाइक चला रहा था। दुबराजपुर गांव के सामने पहुंचने पर उसकी बाइक सामने से आ रहे एक बाइक से भिड़ गई।
मोपेड सवार भी जद में आकर हुआ जख्मी
जोरदार टक्कर होते ही मोपेड सवार विशाल (35) पुत्र पंचम लाल भी उनसे भिड़ गया। इससे सभी लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। हादसे की खबर मिलते ही नैनी पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल ले गई। वहां डॉक्टरों ने सोनू, मनोज और दूसरी बाइक सवार कृष्णा (40) पुत्र दूधनाथ को मृत घोषित कर दिया। वह करछना के पनासा गांव का रहने वाला था। उसका एक साथी भी घायल है, जिसका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं, विशाल घूरपुर के बला गांव का रहने वाला है।
हेलमेट पहने होते तो शायद बच जाती जान
पुलिस का कहना है कि बाइक सवार किसी भी शख्स ने हेलमेट नहीं पहन रखा था। सोनू तेज रफ्तार में बाइक चलाकर स्टंट भी कर रहा था, जो हादसे का कारण बना। सड़क पर खून से लथपथ पड़े युवकों को देख कुछ राहगीरों के मुंह से यही सुनने को मिला कि अगर हेलमेट पहने होते तो शायद जान न जाती। स्टंट करना भी खतरनाक साबित हुआ।
सब्जी बेचता था मनोज, बिलखती रही मां
सोनू का दोस्त मनोज सब्जी बेचने का काम करता था। उसके मौत की खबर घर पहुंची तो मां बदहवास होकर जमीन पर गिर पड़ी। आसपास के लोगों ने उसे ढांढस बंधाया। वहीं पिता समेत अन्य लोग अस्पताल पहुंच गए। सोनू भी पांच भाईयों में सबसे छोटा था। उसके पिता मजदूरी करते हैं। भाई की मौत पर बहनें और उनकी मां रोती-बिलखती रहीं।
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