Prayagraj में भाजपाइयों ने अपने निवास पर दिया धरना, बोले- राजनीतिक लड़ाई विचारधारा और विकास पर केंद्रित हो
आखिर यह कौन सा लोकतंत्र है। क्या कानून व्यवस्था यही है।इन प्रश्नों को पूछ रहे हैं भाजपा के कार्यकर्ता। वह अपने घर पर ही सांकेतिक धरना दे रहे हैं। उनका कहना है कि पश्चिम बंगाल से आने वाली हत्या की खबरें प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए दुखद है।
प्रयागराज, जेएनएन। पश्चिम बंगाल की हिंसा ने पूरे देश के लोकतांत्रिक चरित्र पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। एक दल के लोग दूसरे दल के कार्यकर्ताओं के खून के इस तरह से प्यासे होंगे यह समझ से परे है। आखिर यह कौन सा लोकतंत्र है। क्या कानून व्यवस्था यही है। या फिर इसी लोकतंत्र के लिए हमारे पुरखों ने खून बहाया था। इन प्रश्नों को पूछ रहे हैं भाजपा के कार्यकर्ता। वह अपने घर पर ही सांकेतिक धरना दे रहे हैं। उनका कहना है कि पश्चिम बंगाल से आने वाली हत्या की खबरें प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए दुखद है। वास्तव में यह सभी के लिए दुखद होना चाहिए लेकिन आज का विपक्ष इसमें अपनी जीत मान रहा है। ऐसी घटनाओं की निंदा के लिए एक भी आवाज नहीं उठ रही है। यह कहना है पूर्व विधायक दीपक पटेल का।
उनके अनुसार राजनीति का स्तर निरंतर नीचे जा रहा है। फिर से सभी को आत्ममंथन करना होगा। क्या कुर्सी के लिए खून की नदिया बहाई जाएंगी। गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर की धरती पर इस समय मानवता कराह रही है। केंद्र सरकार को भी चाहिए कि कुछ ठोस कदम उठाएं।
कार्यकर्ताओं की हत्या विचारधारा का कत्ल : शशि वाष्र्णेय
कोई भी कार्यकर्ता अपनी पार्टी की विचारधारा को लेकर आगे बढ़ता है। उसका अपना कुछ भी नहीं होता है। विचारधारा को तर्क के आधार पर साबित किया जाना चाहिए न कि बंदूक और तलवार के बल पर। दुख का विषय है कि अभी पश्चिम बंगाल में यही हो रहा है। इसके विरोध में सभी को आवाज उठाना होगा। भाजपा नेता दिलीप चतुर्वेदी ने कहा कि कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए पार्टी का प्रत्येक सिपाही अपने निवास पर ही धरना दे रहा है। यह संकेतिक धरना है। भाजपा हमेशा विचारों की संवेदनाओं की पार्टी रही है। राष्ट्र हित उसके लिए सब से ऊपर रहा है। एकता, शांति और उन्नति ही इस दल का ध्येय रहा है। हम सब भी उसी को आगे बढ़ा रहे हैं। इस मौके पर गिरीश कुमार चतुर्वेदी, रामेश्वरी चतुर्वेदी, शंभू जायसवाल, राजेन्द्र द्विवेदी, सिद्धार्थ जायसवाल, दिव्यांशु चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।