Panchayat Chunav में वोट के लिए नदी किनारे और पहाड़ों की तलहटी में बसे गांव तक पहुंच रहे उम्मीदवार
कोरांव के पहाड़ी क्षेत्र में प्रचार प्रसार के काम में थोड़ी बाधा हो रही है। इस क्षेत्र के कुछ गांव नदी के किनारे पर बसे है तो कुछ पहाड़ों की कोख में है। पर प्रत्याशी हर उस स्थान पर अपनी दस्तक देना चाहते है जहां उनके वोटर और समर्थन है।
प्रयागराज, जेएनएन। न पोस्टर न बैनर और न ही लंबी चौड़ी गाड़ियों का काफिला। न तो मंच है और न ही बड़े - बड़े वादों का सिलसिला। इन पंचायत चुनावों मे सब कुछ नदारद है। डोर टू डोर कन्वेंशिग की सिध्दांत पर प्रत्याशी चुनाव की जंग मे कूद गए हैं। चुनाव में गांव का हर घर और हर सदस्य पूरे जोश में प्रचार में जुटा है। लोगों की चुनाव में दिलचस्पी देख किसी को भी यह सहज भ्रम हो सकता है कि शायद हर घर से प्रत्याशी खड़े हुए है। ग्रामीणों की जितनी भागीदारी पंचायत चुनाव में देखने को मिलती है उतनी शायद किसी अन्य बड़े चुनाव में नही। हो भी क्यों न क्योंकि गांव के लोग इसको अपने मान सम्मान से जोड़कर देखते है। इसके लिए वे सब कुछ दांव पर लगाकर बाजी को जीतना चाहते हैं।
महिलाओं की भी खूब भागीदारी
अलबत्ता घर की संकोची महिलाएं भी इसमे बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही है। घर से बाहर निकलने में उनको भी कोई गुरेज नही है। आखिर जो घर की आबरू की बात ठहरी ।गांव के हर तबके के मुखिया पर प्रत्याशियों की नजर टिकी है। हर प्रत्याशी मुखिया को अपने साथ ले चलने का प्रयास कर रहा है।
कितना भी दुर्गम स्थान, पहुंच रहे उम्मीदवार
हालांकि कोरांव के पहाड़ी क्षेत्र में प्रचार प्रसार के काम में थोड़ी बाधा हो रही है। इस क्षेत्र के कुछ गांव नदी के किनारे पर बसे है तो कुछ पहाड़ों की कोख में है। पर प्रत्याशी किसी भी गांव को कम करके नही आंक रहे है ।
वे हर उस स्थान पर अपनी दस्तक देना चाहते है जहां उनके वोटर और समर्थन है। इसलिए चाहे स्थान जितना ही दुर्गम हो इस काम में महिला प्रत्याशी भी किसी से पीछे नही है। उनकी टोली भी ऐसे हर स्थान पर जाने को तैयार है जहां से वोट निकल सकता है। इस मामले में महिलाओं की मेहनत भी काबिले गौर है। गर्मी की तपिश भी इनके इरादे को नही डिगा पा रही है।