Narendra Giri Death Case में CBI ने नैनी जेल में लिया आनंद गिरि का वायस सैंपल
महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के मामले में जांच कर रही सीआइबी के अधिकारियों ने आरोपित आनंद गिरि के माेबाइल को शुरू में ही कब्जे में ले लिया था। इसकी जांच की गई तो कई आडियो क्लिप व वायस रिकार्डिंग मिली थी।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु मामले की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) शुक्रवार को गोपनीय तरीके से सेंट्रल जेल नैनी पहुंची। यहां महंत के आत्महत्या के आरोपित आनंद गिरि का वायस सैंपल लिया गया। अब विशेषज्ञ इसका आडियो क्लिप से मिलान करेंगे। वायस सैंपल लेने के बाद आनंद पर सीबीआइ का शिकंजा और कसता नजर आ रहा है।
अदालत की अनुमति हासिल कर लिया गया वायस सैंपल
महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के मामले में जांच कर रही सीआइबी के अधिकारियों ने आरोपित आनंद गिरि के माेबाइल को शुरू में ही कब्जे में ले लिया था। इसकी जांच की गई तो कई आडियो क्लिप व वायस रिकार्डिंग मिली थी। इसमें आरोपित आनंद गिरि अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि के बारे में कई तरह की बातें कहीं थीं। जिन लोगों से आनंद ने बात की थी, उनके बारे में पता किया गया तो पांच लोगों का नाम सामने आया था। सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ ने इन पांचों का वायस सैंपल लिया। इसके बाद सीबीआइ ने कोर्ट से आनंद गिरि की वायस सैंपल लेने की अनुमति मांगी थी, जिस पर कोर्ट ने अनुमति दे दी थी। शुक्रवार को सीबीआइ की टीम गोपनीय तरीके से सेंट्रल जेल नैनी पहुंची। आरोपित आनंद गिरि से बातचीत कर उसका वायस सैंपल लिया गया। सीबीआइ को पूरी उम्मीद है कि आनंद गिरि के वायस सैंपल, आडियो क्लिप और वायस रिकार्डिंग की जांच से इस केस में अहम वैज्ञानिक साक्ष्य मिलेंगे। जांच सीबीआइ की फोरेंसिंक टीम करेगी। इसमें विशेषज्ञों की भी मदद ली जाएगी। इसके बाद पूरी रिपोर्ट को अदालत में प्रस्तुत किया जाएगा। बता दें कि सीबीआइ ने आनंद गिरि की लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की अनुमति मांगी थी। ताकि यह पता चल सके कि आनंद गिरि ने पूछताछ के दौरान सच बोला है या झूठ, लेकिन आनंद गिरि ने टेस्ट देने से मना कर दिया। वहीं कोर्ट से भी अनुमति नहीं दी गई थी।