Mahant Narendra Giri Case हरिद्वार में मिले साक्ष्यों के आधार पर आगे बढ़ेगी CBI की विवेचना
पुलिस सूत्रों का कहना है कि अब सीबीआइ टीम का फोकस आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मुकदमे में गिरफ्तार आनंद गिरि के पास मौजूद उन साक्ष्यों को जुटाने पर है जिसके तार खुदकशी से जुड़े हुए हैं। इसमें लैपटाप आइपैड के अलावा कुछ अभिलेख भी हो सकते हैं।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। देश भर में सुर्खियों में छाए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मृत्यु के केस में अब सीबीआइ की टीम घटना से जुड़े कई अहम साक्ष्यों को संकलित करने में जुटी है ताकि जांच की दिशा तय हो सके। अभी तक टीम की विवेचना हत्या और आत्महत्या के बिंदु पर हो रही है। इसमें यह समझा जा रहा है कि यदि महंत नरेंद्र गिरि ने आत्मघाती कदम उठाया है तो उसके पीछे क्या-क्या वजह हो सकती है। महंत ने सुसाइड नोट में स्वयं को परेशान करने का आरोप आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप पर लगाया है। इस आधार पर शुरुआती जांच आत्महत्या के एंगल पर ही शुरू हुई, जिसकी कड़ी से कड़ी जोड़ी जा रही है।
अगर सुनियोजित कत्ल तो फिर कारण क्या
पुलिस सूत्रों का कहना है कि अब सीबीआइ टीम का फोकस आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मुकदमे में गिरफ्तार आनंद गिरि के पास मौजूद उन साक्ष्यों को जुटाने पर है, जिसके तार खुदकशी से जुड़े हुए हैं। इसमें लैपटाप, आइपैड के अलावा कुछ अभिलेख भी हो सकते हैं। अगर टीम के हाथ वह सबूत मिलते हैं तो उसी के आधार पर आगे की विवेचना बढ़ेगी। इससे सीबीआइ को जांच को नतीजे तक पहुंचाने में आसानी होगी। इसके साथ ही हत्या के बिंदु पर भी परिस्थितियों का आंकलन किया गया है। वह उद्देश्य तलाशा जा रहा है जो कत्ल का कारण बन सकती है। पहले वजह मिलेगी तो उसके जरिए उसको कारित करने और षडयंत्र में शामिल होने वालों का भी पता लगाया जाएगा।
हरिद्वार से मिला ठोस सुबूत तो जांच पहुंचेगी नतीजे पर
फिलहाल सीबीआइ की टीम सारे तथ्य, साक्ष्य और अब तक मिले बयानों के आधार पर छानबीन कर रही है। हरिद्वार पहुंची सीबीआइ को अगर कोई तथ्य या सुबूत मिलता है तो यह अहम बात होगी क्योंकि अभी तक नहीं लग रहा है कि सीबीआइ इस घटना में उस शख्स की तस्वीर साफ कर सकी है जिसका हाथ इस पूरी साजिश के पीछे है।