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कोरोना काल में आप भी दीजिए ध्यान, सांस लेने में है तकलीफ तो घबराएं नहीं, डाक्टर के पास जाएं

संक्रमित लोगों के सामने कई तरह की परेशानी है। लेकिन केंद्र बिंदु है फेफड़े में संक्रमण का अधिक प्रभाव और सांस फूलना। इसी से अस्पतालों में मरीजों की भीड़ भी लग रही है। कोई अपनी बीमारी छिपा रहा है प्राथमिक इलाज नहीं करा रहा है जिससे दिक्कतें बढ़ रही हैं

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 07:00 AM (IST)
कोरोना काल में आप भी दीजिए ध्यान, सांस लेने में है तकलीफ तो घबराएं नहीं, डाक्टर के पास जाएं
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से संक्रमित लोगों के सामने कई तरह की परेशानी है।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से संक्रमित लोगों के सामने कई तरह की परेशानी है। लेकिन, केंद्र बिंदु है फेफड़े में संक्रमण का अधिक प्रभाव और सांस फूलना। इसी से अस्पतालों में मरीजों की भीड़ भी लग रही है। कोई अपनी बीमारी छिपा रहा है, प्राथमिक इलाज नहीं करा रहा है जिससे दिक्कतें बढ़ रही हैं। गुरुवार को दैनिक जागरण के साप्ताहिक कार्यक्रम प्रश्न पहर में कुछ इसी तरह की समस्या से संबंधित सवाल आए। जिनका मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय (काल्विन अस्पताल) की चेस्ट फिजीशियन डा. माया देवी ने बखूबी जवाब दिया। प्रस्तुत है उनसे हुए सवाल और दिए गए जवाब के प्रमुख अंश। 

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सवाल : मेरे पापा को बुखार हो रहा है। सीने में दर्द बना है, खांसी आ रही है और सांस लेने में तकलीफ है। क्या करें।    नंदिनी, खुल्दाबाद

जवाब : आपके इलाके में कोरोना संक्रमण ज्यादा फैला है। जिस डाक्टर को पहले से दिखाते रहे हैं उनसे संपर्क कर लें। पिता का कोरोना टेस्ट जरूर कराएं। यदि सांस लेने में ज्यादा दिक्कत है तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना होगा। 

सवाल : सीने में दो तीन साल से दर्द की समस्या है। अक्सर दर्द बना ही रहता है। 

शुभम मिश्र, झूंसी

जवाब : आप अपने चेस्ट का एक्सरे कराएं, फिर उसे डाक्टर को दिखाएं। टीबी की जांच भी आपके लिए आवश्यक है। हालांकि जब तक अस्पतालों में कोविड की वजह से दिक्कत है तब तक गुनगुने पानी का गरारा करें और ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।

सवाल  : फेफड़े में 2014 से खराबी है।  खाना नहीं खा पाते, सांस लेने में दिक्कत होती है। कमजोरी भी आ रही है।    हरिशंकर वर्मा, सिरसा

जवाब: स्वास्थ्य केंद्र में जाकर कोविड जांच कराएं। डाक्टर ने आपको जो दवा दी है उसे नियमित रूप से लेते रहें। गरम पानी की भाप लें और दो से तीन बार नेबुलाइज करें।

सवाल : कुछ दिनों पहले कोरोना संक्रमित हो गए थे। अब स्वस्थ हो गए हैं। अब ये 10 साल पहले हार्ट का वाल्व चेंज कराया था। क्या अब मुझे चेस्ट का एक्सरे कराना चाहिए।

सुधीर गुप्ता, बलुआघाट

जवाब : आप स्वस्थ हो चुके हैं। फिलहाल एक्सरे की कोई जरूरत नहीं है। बस आप खट्टी और ठंडी चीजों से परहेज करें। मानसिक स्तर को मजबूत रखें, किसी प्रकार में दहशत में न आएं। 

सवाल : मेरे भाई को सीने में कफ जमा है। उसे कोई और दिक्कत नहीं हो रही है। 

मनोज कुमार, जीरो रोड

जवाब : उन्हें गरम पानी से गरारा कराएं। कोविड जांच करा दें। स्टीम नेबुलाइज करा दें। पैरासीटामाल, एजिथ्रोमाइसीन व सिट्रिजन दवा दिन में तीन बार खिलाएं।  

सवाल : रेमडेसिविर इंजेक्शन क्या कोरोना मरीजों के लिए रामबाण है। क्या इससे लोगों की जान बच रही है।

अनुराग यादव, नॉर्थ मलाका

जवाब : इसके बेहतर परिणाम कुछ मरीजों पर मिले हैं, कुछ पर नहीं। इसे अभी ठोस प्रमाण के रूप में नहीं कह सकते कि यह कितना लाभदायक है। 

सवाल : बहुत दिनों से खांसी आ रही है। चेस्ट की जांच कराई तो दाहिनी तरफ दाग जैसा बताया गया है। 

शिवकुमार, दारागंज

जवाब : आपको जरूरत है कि किसी चेस्ट विशेषज्ञ को दिखाएं। उनकी सलाह पर ही आगे कोई इलाज करें। 

सवाल : मेरे बेटी को कोरोना हो गया है। वह 51 साल की है। उसका डायलिसिस चल रहा है। ऑक्सीजन लेवल घटकर 85 पर आ गया है। क्या करें।     आरआर पांडेय, पुराना कटरा

जवाब : पुरानी बीमारी में कुछ सावधानी बरतने की जरूरत होती है। बेटी का सीटी स्कैन कराएं और डाक्टर से पूछकर उसे विटामिन दिलवाएं।

सवाल : हार्ट के मरीज, जिसकी दवा चल रही है क्या वह कोविड की वैक्सीन लगवा सकता है।

दिनेश कुमार, ट्रांसपोर्ट नगर

जवाब : हार्ट की बीमारी हो, किडनी या बीपी ही क्यों न हो। टीका सभी को लगवाना चाहिए। 

सवाल : चेस्ट में दाहिनी तरफ कभी-कभी चुनचुना कर दर्द होता है। कफ भी जमा है क्या करें।

विनय कुमार, झूंसी

जवाब : आप गरम पानी की भाप लें। अस्पताल जाकर बलगम की जांच कराएं। एजिथ्रोमाइसीन, पैरासीटामाल और सिट्रिजन टेबलेट दिन में तीन बार लेते रहें। 

सवाल : माता जी को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। रात में उनका ऑक्सीजन लेवल 85 था, अब 95-96 है। क्या उनके लिए ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करके रख लूं। 

उमेश, दारागंज

जवाब : बिल्कुल नहीं। आपकी माता जी को कोविड पॉजिटिव प्रतीत हो रहा है। उनकी जांच कराएं। अस्पताल में भर्ती कराएं। जैसा आप बता रहे हैं, उन्हें वायरल निमोनिया हो गया है और यही कोरोना है।

 

सवाल : परिवार में एक सदस्य को सर्दी, जुकाम हो रहा है। सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। काढ़ा दिया गया, दवाएं दी जा रही हैं लेकिन अब आवाज में भारीपन आ रहा है। 

शिवशंकर मिश्र, रामनगर मेजा

जवाब : उनका कोविड टेस्ट कराएं। सीटी स्कैन भी जरूरी है। चाय में तुलसी के पत्तियां और अदरक का सेवन करें। 

सवाल : मेरी बेटी कोविड संक्रमित हो गई है। परसों उसकी जांच हुई। उसे फेफड़े में दिक्कत महसूस हो रही है। खांसी आ रही है।

हरिश्चंद्र जायसवाल, राजरूपपुर

जवाब : घबराएं नहीं। बेटी का ऑक्सीजन लेवल दिन में दो बार चेक करें। यदि ऑक्सीमीटर नहीं है तो उन्हें ब्रोजिट सिरप और सिट्रिजन देते रहें। इसके बाद किसी डाक्टर से संपर्क कर उन्हें दिखाएं। 

सवाल : मेरी सास को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। एंटीजन टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव है लेकिन उनका ऑक्सीजन लेवल 84 पर है। क्या करें।

पवन कुमार तिवारी, कौंधियारा

 जवाब : अपने निकट के अस्पताल में डाक्टर से बताकर मरीज को एंटीबायोटिक दिलवाएं। घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की बजाए डाक्टर की देखरेख में अस्पताल में ऑक्सीजन लगवाएं। उनका सीटी स्कैन भी जरूर करा लें।

कोरोना से बचना है तो...

-घर से बाहर अनावश्यक न निकलें

-शत प्रतिशत जानकारी ही बचाव है।

-साबुन से हाथ को कम से कम 20 सेकेंड तक धोएं।

-दैनिक प्राणायाम फेफड़े को शक्ति देता है।

-बीमारी हो तो उसे छिपाएं नहीं।

-टेलीवीजन पर कोई नकारात्मक प्रोग्राम न देखें।

-अपने शौक को बढ़ावा दें, घर में रहते शौक पूरे करें।

-ज्यादा भीड़ में न जाएं। बच्चों को भी बचा कर रखें।

-घर के कमरों में रोशनदान खुला रखें ताकि ताजी हवा आती जाती रहे।

-मुंह व नाक पर मास्क जरूर लगाएं। हाथ को सेनिटाइज करते रहें। 

ऐसे बढ़ जाएगा आक्सीजन लेवल

पेट के बल लेटने से ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है। घर में हैं तो दिन में दो या तीन बार पौन-पौन मिनट तक पेट के बल ही लेटें। ऑक्सीजन लेवल निश्चित रूप से बढ़ेगा।

घबराएं नहीं

कोरोना संक्रमण फैला है तो संक्रमितों को सांस लेने में समस्या हो रही है तो इससे लोगों में घबराहट भी फैल रही है। लोगों को घबराना नहीं है। न ही ऑक्सीजन सिलेंडर को बिना वजह घर में स्टोर करें। इसे वास्तविक जरूरतमंद के काम आने दें। ऐसा करके भी आप मानवता की रक्षा कर सकते हैं।


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