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मुंगेर से माहिर कारीगर लाकर बनवा रहे थे नाजायज हथियार, गिरोह के छह लोगों को भेजा गया प्रतापगढ़ जेल

यह गिरोह अवैध हथियारों की सप्लाई के लिए बदनाम बिहार के मुंगेर से कारीगर बुलाकर यहां काम करा रहा था। इसी खबर की कवरेज के बाद घर लौटते वक्त रास्ते में न्यूज चैनल के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की संदिग्ध हालात में मौत हो गई।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 05:27 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 05:27 PM (IST)
मुंगेर से माहिर कारीगर लाकर बनवा रहे थे नाजायज हथियार, गिरोह के छह लोगों को भेजा गया प्रतापगढ़ जेल
एटीएस और पुलिस इनसे अवैध हथियार खऱीदने वाले लोगों के बारे में भी पता लगाकर धरपकड़ करेगी।

प्रयागराज, जेएनएन। पड़ोसी जनपद प्रतापगढ़ के लालगंज इलाके में घर के भीतर अवैध रूप से कारखाना लगाकर पिस्टल, रिवॉल्वर, तमंचे बनाकर अपराधियों तथा बिगड़ैल युवकों को बेचने वाले गिरोह के छह लोगों को जेल भेज दिया गया। यह गिरोह अवैध हथियारों की सप्लाई के लिए बदनाम बिहार के मुंगेर से कारीगर बुलाकर यहां काम करा रहा था। एटीएस और पुलिस इनसे अवैध हथियार खऱीदने वाले लोगों के बारे में भी पता लगाकर धरपकड़ करेगी। हथियार कारखाना पकड़े जाने का मामला इसलिए भी सुर्खियों में आ गया क्योंकि इसी खबर की कवरेज के बाद घर लौटते वक्त रास्ते में न्यूज चैनल के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। परिवार के लोगों ने इसे सुनियोजित कत्ल करार देते हुए यही मुकदमा दर्ज कराया है। शराब माफिया पर हत्या कराने का शक है।

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किसे-किसे बेचे थे असलहे, पता लगा रही है पुलिस

लालगंज कोतवाली क्षेत्र के असरही गांव में रविवार की शाम एटीएस यानी एंटी टेररिस्ट स्कवाड ने पुलिस के साथ छापा मारकर अवैध असलहा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था। घेराबंदी कर वहां से गिरोह के सरगना स्वालीन उर्फ बबलू, उसके बेटे अखलीन, बिहार में मुंगेर जनपद के कारीगर शायल आलम उर्फ छोटू, मोहम्मद सरफराज आलम, मोहम्मद आजाद, गोरखपुर जिले के राजगढ़ थाना क्षेत्र के रेती चौक निवासी तिरुपति नाथ वर्मा उर्फ गुड्डू गांधी को गिरफ्तार किया था। मौके से दो पिस्टल, दो रिवाल्वर, दो दर्जन अर्धनिर्मित पिस्टल और ढेरों कारतूस बरामद किया गया था। पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उन्हें सोमवार को जेल भेज दिया। सीओ लालगंज जगमोहन ने बताया कि किसी भी आरोपित का कोई और कनेक्शन नहीं मिला है। सभी आरोपितों को जेल भेजने के बाद पता किया जा रहा है कि उनसे किन लोगों ने अवैध हथियार खरीदे थे।


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