बालू, गिट्टी और सिलिका सैंड का हो रहा Prayagraj में अवैध खनन, NGT के निर्देश के बाद भी नहीं लगा रहे बढ़ा जुर्माना
बालू खनन पर लगाम लगाने के लिए एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने भारी जुर्माना लगाने का निर्देश दिया था। उसके बाद प्रदेश सरकार ने अमल के लिए आदेश जारी किया था। उसके बावजूद उस हिसाब से जुर्माना नहीं लगाया जा रहा है। इसलिए नदियों से अवैध खनन जारी है।
प्रयागराज, जेएनएन। बालू खनन पर लगाम लगाने के लिए एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने भारी जुर्माना लगाने का निर्देश दिया था। उसके बाद प्रदेश सरकार ने उस पर अमल के लिए आदेश जारी किया था। उसके बावजूद उस हिसाब से जुर्माना नहीं लगाया जा रहा है। इसलिए नदियों से बालू का अवैध खनन जारी है। इसके अलावा गिट्टी और सिलिका सैंड का भी अवैध खनन चल रहा है।
नियम के बावजूद नहीं लगाया जा रहा भारी जुर्माना
जून 2019 में गंगा, यमुना, टोंस और बेलन नदी से बड़े पैमाने पर बालू का अवैध खनन पकड़ा गया था। तब तत्कालीन भूतत्व एवं खनिकर्म के निदेशक डा. रोशन जैकब ने खुद यह खेल पकड़ा था। उससे पहले एनजीटी ने इसकी जांच करके बताया था कि भारी पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है। बालू खनन में पर्यावरण के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। बालू माफिया खनिज संपदा के साथ ही जीव जंतुओं को नष्ट कर रहे हैं। तब के हालात को देखते हुए एनजीटी ने अवैध खनन पर भारी जुर्माना लगाने का निर्देश दिया था। एनजीटी के निर्देश का हवाला देते हुए 30 जून 2020 में प्रदेश सरकार की सचिव डा. रोशन जैकब ने एक आदेश सभी डीएम को जारी किया था। आदेश था कि पांच साल पुराने वाहन अवैध रूप से बालू ढोते मिले तो चार लाख, दस साल पुराने वाले वाहन मिले ते तीन लाख और दस साल से ज्यादा पुराने वाहनों मिले तो दो लाख का जुर्माना वसूला जाय। उनकी मंशा थी कि बालू ढोने वाले वाहनों पर भारी जुर्माना लगेगा तो वह न तो ओवरलोड लदान करेंगे और न ही बिना कागजात कि उसे ले जाएंगे। लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है। खनन और परिहवन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध खनन और परिवहन का खेल जारी है। डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने कहा कि उस आदेश का पालन कराने के लिए अफसरों को निर्देशित किया था। अगर इसका पालन नहीं हो रहा है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।