ज्यादा घबराएंगे तो बीमारी की चपेट में आएंगे, कोरोना काल में प्रयागराज के डॉक्टर की सलाह
डा. श्रेया शर्मा डेंटल सर्जन सीएचसी कोरांव व नोडल अफसर काल्विन टीकाकरण केंद्र का कहना है कि आजकल लोगों में कई तरह से घबराहट है। पोस्ट कोविड हैं तो लगता है कि उन्हें ब्लैक फंगस न हो जाए। नसों में खून का थक्का बनने से अटैक न हो जाए।
प्रयागराज, जेएनएन। मौजूदा समय में भूत-प्रेत या बदमाश से ज्यादा लोगों को जो नाम आतंकित कर रहा है वो कोरोना। कोरोना वायरस ने हर किसी को सहमा रखा है। इसके नाम से ही लोग सहम जाते हैं लेकिन यह भी विडंबना है कि इससे बचाव के प्रति लोग गंभीर नहीं रहते हैं। डॉक्टरों की सलाह है कि डरिए नहीं बल्कि वायरस से बचाव करिए।
घबराहट में ही इम्युनिटी कमजोर होती है
डा. श्रेया शर्मा, डेंटल सर्जन सीएचसी कोरांव व नोडल अफसर काल्विन टीकाकरण केंद्र का कहना है कि आजकल लोगों में कई तरह से घबराहट है। पोस्ट कोविड हैं तो लगता है कि उन्हें ब्लैक फंगस न हो जाए। हार्ट के मरीज हैं तो डरते हैं कि नसों में खून का थक्का बनने से अटैक न हो जाए। जिन्हें कुछ भी नहीं उन्हें कोविड संक्रमण के खतरे की घबराहट है। दरअसल इस घबराहट में ही इम्युनिटी कमजोर होती है और यही कमजोरी बीमारियों को न्यौता देती है। यह जान लेना आवश्यक है कि कोविड संक्रमण से ठीक हो गए हैं तो कम से कम एक महीने तक डाक्टर के संपर्क में रहें। घबराएं बिलकुल नहीं। जो भी तकलीफ है उसे डाक्टर से बताएं। स्टेरायड जो मेडिकल स्टोर से लाकर खा रहे हैं वे ऐसा बिलकुल न करें। जब तक डाक्टर की सलाह न हो इसे न लें। जहां तक ब्लैक फंगस का सवाल है तो जिन्हें डाइबिटीज पहले से है, कैंसर है, एचआइवी पॉजिटिव है या कोई अन्य बीमारी से ग्रसित हैं। इन बीमारियों के मरीजों की इम्युनिटी काफी कम होती है और ऐसे ही लोग यदि कोविड से ठीक हुए हैं तो ज्यादा सावधान रहें। जिन्हें अस्पताल में अधिक दिन तक आक्सीजन मिली है उन्हें भी चिंता करनी चाहिए। कोई दिक्कत होने पर इलाज में देरी न करें।