प्रतापगढ़ जिले में हो आगमन तो जरूर जाएं मनगढ़ धाम, आस्था का है प्रमुख केंद्र
भक्ति धाम में हर ओर राधे-राधे की गूंज सुनाई पड़ती है। मंदिर की रमणीय बनावट और राधे-राधे कि गूँज से वातावरण सुंदरता देखते ही बनती है। श्री कृष्ण भगवान के जन्मोत्सव पर धाम को विद्युत झालरों से बखूबी सजाया जाता है और सबसे ज्यादा रमणीय राधा-कृष्ण दरबार दिखाई पड़ता है।
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में आस्था व भक्ति के कई केंद्र हैं। मंदिरों की बड़ी श्रृंखला है। इसमें कुंडा क्षेत्र का राधा कृष्ण भक्ति का केंद्र भक्ति धाम उत्तर मनगढ़ है। यह जिले में बना आधुनिक मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण यहीं पर जन्मे जगदगुरु कृपालु महाराज ने बनवाया था। बगल में उनकी समाधि भी बनी है।
यहां से गंगा का कालाकांकर घाट व मानिकपुर घाट बहुत दूर नहीं है। पर्यटन के नजरिए से भी इसे महत्वपूर्ण माना जाता है। हालांकि प्रशासनिक तौर पर इसे और मदद की दरकार भी है, जिसके पूरा होने का इंतजार है। देखा जाए तो यह मंदिर वास्तुकला के नजरिए से भी बहुत ही अनोखा उदहारण माना जाता है। मंदिर के नाम पर जिले का यह सबसे लोकप्रिय धार्मिक स्थल है। भौगोलिक रूप में यह प्रतापगढ़ के कुंडा तहसील मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर भगवान राधा-कृष्ण को समर्पित भक्तिधाम मंदिर है। इस मंदिर में कृष्ण लीला दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है।
भक्ति धाम में हर ओर राधे-राधे की गूंज सुनाई पड़ती है। मंदिर की रमणीय बनावट और धाम की राधे-राधे कि गूँज से वातावरण सुंदरता देखते ही बनती है।भक्तिधाम मनगढ़ में श्री कृष्ण भगवान के जन्मोत्सव पर धामको विद्युत झालरों से बखूबी सजाया जाता है और सबसे ज्यादा रमणीय राधा-कृष्ण दरबार दिखाई पड़ता है।धाम पर श्री कृष्ण जन्मोत्सव में सबसे अधिक भीड़ होती है। लोग जन्मोत्सव आयोजन में ही सम्मिलित होते हैं। हजारों भक्तो का आवागमन भगवान श्री कृष्ण जी के दर्शन के लिए हमेशा बना रहता है। इस बार कोरोना काल के कारण यहां पर जन्माष्टमी का आयोजन नहीं किया गया। दीपावली पर भी उत्सव होता था, जो इस बार नहीं हो सका। यहां पर हर समय दर्शक आते रहे हैं। इन दिनों बाहर के लोगों के आने पर मंदिर समिति ने रोक लगा रखी है, ताकि कोरोना का संक्रमण न फैले।