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Commercial Tax Department Prayagraj: व्यापारी कर सकते हैं ऑनलाइन आपत्ति, कोविड काल में ई-मेल से शिकायत की व्यवस्था

जिन व्यापारियों के केस एकपक्षीय हो गए हैं अथवा जिनके ऊपर विभाग द्वारा टैक्स गलत तरीके से लगा दिए गए हैं। उन्हें कर में संशोधन के लिए धारा 31 के तहत प्रार्थना पत्र संबंधित खंड के अधिकारियों को देना होता है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 03:07 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 03:07 PM (IST)
Commercial Tax Department Prayagraj: व्यापारी कर सकते हैं ऑनलाइन आपत्ति, कोविड काल में ई-मेल से शिकायत की व्यवस्था
कारोबारी मुख्यालय से सभी जोन कार्यालयों के लिए जारी ई-मेल नंबर पर आवेदन कर सकते हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। गलत टैक्स (कर) निर्धारण अथवा किसी मामले में एकपक्षीय कार्रवाई होने पर व्यापारियों को आवेदन के लिए वाणिज्यकर विभाग में जाने की जरूरत नहीं है। कोविड-19 के संक्रमण के तेजी से होते फैलाव के मद्देनजर इसके लिए उन्हें ऑनलाइन आपत्ति करने की सुविधा प्रदान की गई है। कारोबारी मुख्यालय से सभी जोन कार्यालयों के लिए जारी ई-मेल नंबर पर आवेदन कर सकते हैं। खास यह कि समयबद्ध (टाइमबारिंग) प्रकरणों को 30 जून तक बढ़ा दिया गया है।
जिन व्यापारियों के केस एकपक्षीय हो गए हैं अथवा जिनके ऊपर विभाग द्वारा टैक्स गलत तरीके से लगा दिए गए हैं। उन्हें कर में संशोधन के लिए धारा 31 के तहत प्रार्थना पत्र संबंधित खंड के अधिकारियों को देना होता है। जबकि केसों की फिर से सुनवाई के लिए धारा 32 के तहत आवेदन करना पड़ता है। इन दोनों प्रकरणों में व्यापारियों को संबंधित अधिकारियों से प्रार्थना पत्र स्वीकृत कराकर रसीद भी कटवाना पड़ता है। तब फिर से सुनवाई होती है।

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30 दिन में प्रार्थना पत्र देना अनिवार्य
ऐसे प्रकरणों में 30 दिन के अंदर प्रार्थना पत्र देना अनिवार्य होता है। लेकिन, कमिश्नर वाणिज्यकर ने कोविड के मद्देनजर व्यापारियों के लिए एक नई व्यवस्था दी हैं। मुख्यालय स्तर से सूबे के सभी एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-वन के लिए ई-मेल नंबर जारी किया गया है। प्रयागराज जोन का ई मेल नंबर ctzal-up@nic.in है। व्यापारी इस ई-मेल नंबर पर आवेदन कर सकते हैं, उन्हें स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति के संयोजक संतोष पनामा का कहना है कि इस महामारी के समय में यह व्यापारियों के हित में लिया गया निर्णय है। विभाग के एक अफसर ने बताया कि व्यापारी पोर्टल पर जाकर कांट्रैक्ट अस खोलेंगे तो ई-मेल नंबर मिलेगा। बताया कि लिमिटेशन मामलों को सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून तक बढ़ा दिया है।


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