जीएसटी का स्लैब घटे तो उद्यमियों को मिले सहूलियत Prayagraj news
वित्तमंत्री ने इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक सौ लाख करोड़ रुपये लगाने की बात कही लेकिन बाजार में कोई फायदा दिखाई नहीं दिया। जीएसटी का स्लैब कम होना चाहिए।
प्रयागराज, जेएनएन ।इस बार के आम बजट से उद्यमियों को बहुत आशाएं हैं। उन्हें उम्मीद है कि उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए सरकार जीएसटी स्लैब को घटाएगी। ताकि उनके लिए व्यापार करना आसान हो सके। उद्यमियों की मांग है कि आयकर स्लैब के दायरे को बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाए, क्योंकि उन्हें कई अन्य तरह के भी टैक्स देने पड़ते हैं। बाजार को गति देने के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से प्रभावी कदम उठाए जाने की भी अपेक्षा उद्यमियों को है। बिजली की बढ़ती कीमतों से भी राहत देने की मांग उद्यमियों की है।
बाजार में तरलता बढ़ाने के लिए सरकार करे प्रभावी उपाय
ईस्टर्न यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विनय टंडन ने बाजार में तरलता (लिक्विडिटी) बढ़ाने के लिए प्रभावी उपाय करने की मांग सरकार से की है। उनका कहना है कि बाजार में तरलता नहीं है, लोग रुपये कहां दबाकर बैठे हैं। माल की बिक्री नहीं है। लोगों के अंदर बैठे भय को सरकार को समाप्त करने के लिए कदम उठाना चाहिए। वित्तमंत्री ने इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक सौ लाख करोड़ रुपये लगाने की बात कही, लेकिन बाजार में कोई फायदा दिखाई नहीं दिया। जीएसटी का स्लैब कम होना चाहिए। खासकर खानपान की सामग्री पर जीएसटी नहीं लगना चाहिए। सरकार को मध्यम वर्गीय तबके को भी सपोर्ट करना चाहिए।
टैक्स चोरी रोकने के लिए होना चाहिए फुलप्रूफ इंतजाम
नैनी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव नैय्यर का कहना है कि जीएसटी का स्लैब बहुत ज्यादा है। रॉ मैटेरियल से सामान के बनकर तैयार होने में बहुत अंतर आ जाता है। इससे उद्यमियों को व्यापार करना बहुत कठिन हो रहा है। जीएसटी को 18 फीसद से घटाकर कम किया जाना चाहिए। इससे उद्यमियों को व्यापार करना आसान होगा। टैक्स चोरी रोकने के लिए सरकार को फुलप्रूफ इंतजाम करना चाहिए। क्योंकि नंबर एक में व्यापार करने वालों को नंबर दो में व्यापार करने वालों से तगड़ी प्रतिस्पद्र्धा करनी पड़ती है। उद्यमियों को आय का काफी हिस्सा टैक्स के रूप में देना पड़ता है, इसलिए आयकर का स्लैब भी बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाना चाहिए।
उद्यमियों के लिए न बढ़ें बिजली की कीमतें
नैनी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महामंत्री राकेश हजेला की वित्तमंत्री से मांग है कि जीएसटी का स्लैब घटाया जाए। बिजली की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन सरकार को चाहिए कि उद्यमियों के लिए बिजली की कीमतें न बढ़ाई जाए। डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दामों पर भी अंकुश लगाया जाना चाहिए। थोक और फुटकर महंगाई की दर बहुत ऊंची है। इसे कम करने के लिए सरकार को अन्य टैक्स भी कम करना चाहिए, जिससे महंगाई दर घटे। ट्रांसपोर्ट सेक्टर को भी सब्सिडी दी जानी चाहिए, जिससे ट्रांसपोर्ट खर्च कम हो। सर्विस टैक्स भी घटाया जाना चाहिए। जिससे कारोबारियों को राहत मिल सके।
समय से टैक्स जमा करने वालों को प्रोत्साहन दे सरकार
ईस्टर्न यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष जीएस दरबारी का कहना है कि बाजार में मंदी को दूर करने के लिए सरकार को इंवेस्टमेंट करना चाहिए। बाजार में रुपये की आपूर्ति बढऩे पर ही मंदी दूर होगी। जीएसटी को 18 फीसद से घटाकर 12 फीसद किया जाना चाहिए। इससे माल खरीदने और बेचने (दोनों) वालों को सहूलियत होगी। सरकार ने कुछ दिन पहले व्यवस्था की कि जीएसटी पोर्टल पर अगर किसी व्यापारी का रिटर्न शो नहीं किया तो उससे माल खरीदने अथवा उसे बेचने वाले को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा। यह गलत है। समय से टैक्स जमा करने वालों को सरकार कुछ प्रोत्साहन दे।