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हैदराबादी युवक ने प्रयागराज के 38 लोगों से सवा करोड़ रुपये की ठगी की, कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज

अरविंद कुमार द्विवेदी ने बताया कि लक्ष्मण कुमार नारायण ने प्रयागराज कौशांबी समेत कई जिलों में आफिस खोल रखा था। सभी जगहों पर लोगों को हर माह जमा रुपये के मुताबिक दो से तीन फीसद ब्याज देने का लालच देता था। प्रयागराज के आफिस में ताला लग चुका है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 09 Aug 2021 07:21 AM (IST)Updated: Mon, 09 Aug 2021 07:52 AM (IST)
हैदराबादी युवक ने प्रयागराज के 38 लोगों से सवा करोड़ रुपये की ठगी की, कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज
हैदराबाद के व्‍यक्ति ने प्रयागराज के सिविल लाइंस में आफिस खोला था। 38 लाेगों को ठग लिया।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। जी हां, कभी भी अधिक रुपये के लालच में नहीं पड़ना चाहिए। प्रयागराज की घटना से सबक तो लेना ही चाहिए। क्‍योंकि अधिक रुपये का लालच देकर सवा करोड़ रुपये की ठगी का मामला प्रकाश में आया है। कुल 38 लोग जालसाजी के शिकार हुए हैं। आरोपित हैदराबाद का रहने वाला है और सिविल लाइंस में आफिस खोलकर लोगों को ठगी का शिकार बनाया। सिविल लाइंस थाने में न्यायालय के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

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सभी का लक्ष्‍मी नारायण ने डीमेट खाता खुलवाया

कर्नलगंज थानांतर्गत एलनगंज के रहने वाले अरविंद कुमार द्विवेदी ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2014 में सिविल लाइंस में शेरखान शेयर मार्केट, साई स्कंधा व रिधी कैपिटल का आफिस खोला गया था। इसका संचालक लक्ष्मण कुमार नारायण निवासी एसएस नगर उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद था। उसने कहा था कि जितने रुपये उसके यहां जमा किए जाएंगे, उसका दो से तीन फीसद ब्याज हर माह रुपये जमा करने वाले को मिलेगा। इस पर अरविंद द्विवेदी ने तीन लाख रुपये जमा किए। कुछ और लोगों ने भी रुपये जमा किए। सभी का लक्ष्मण कुमार नारायण ने डीमेट खाता भी खुलवाया।

38 लोग ठगी के हुए शिकार

कुछ समय तक ब्याज के रुपये भी आए। यह देखकर जान पहचान वालों को इसकी जानकारी दी तो देखते ही देखते 38 लोगों ने इसमें रुपये जमा किए, जो सवा करोड़ हो गए। इसमें सविता द्विवेदी, मानसी, निधि, अजय यादव, सविता यादव, कमलेश श्रीवास्तव, सीतू चौबे, शिखा सिंह, शिव ओम सिंह आदि शामिल हैं। हालांकि किसी के खाते में ब्याज के रुपये नहीं आए।

ऐसे पता चला कि वे हो गए ठगी के शिकार

काफी समय तक रुपये न आने पर लोगों ने अपने जमा किए रुपये मांगे, जिस पर लक्ष्मण कुमार नारायण ने चेक दिया लेकिन चेक बाउंस होने लगे। लोगों ने फिर उससे फोन पर बात की तो उसने रुपये लौटने से इंकार कर दिया। साथ ही तरह-तरह की धमकी देने लगा। वर्ष 2019 में किराया न देने के कारण उसके आफिस में भी ताला लटक गया। इसके बाद पता चला कि सभी धोखाधड़ी के शिकार हो गए हैं।

न्‍यायालय की पीडि़तों ने ली शरण

15 फरवरी 2021 को ठगी के शिकार लोगों ने सिविल लाइंस थाने में तहरीर दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आलाधिकारियों को भी शिकायत पत्र दिया, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया, जिस पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट से रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश हुआ, जिस पर सिविल लाइंस पुलिस ने लक्ष्मण कुमार नारायण के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया। पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। आरोपित से भी संपर्क करने की कोशिश हो रही है।

कई जिलों में खोल रखा था आफिस

अरविंद कुमार द्विवेदी ने बताया कि लक्ष्मण कुमार नारायण ने प्रयागराज, कौशांबी समेत कई जिलों में आफिस खोल रखा था। सभी जगहों पर लोगों को हर माह जमा रुपये के मुताबिक दो से तीन फीसद ब्याज देने का लालच देता था। प्रयागराज के साथ ही संभवत: अन्य जनपदों में भी खोले गए आफिस में ताला लग चुका है और करोड़ों रुपये लक्ष्मण कुमार नारायण डकार गया है।


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