CBSE Class 10th Result 2020 : Toppers tips रटने पर नहीं विषय को समझने पर रहा जोर Prayagraj News
सुबह उठकर पढ़ाई करने का लाभ मिला। करीब एक घंटे अध्ययन के बाद वे स्कूल जाते थे। वहां से लौटकर लंच और थोड़ी देर आराम के बाद फिर पढ़ाई में लग जाते थे।
प्रयागराज,जेएनएन। सीबीएसई 10वीं में विद्यार्थियों ने दमदार प्रदर्शन किया। बहुत से बच्चों को 95 प्रतिशत से अधिक अंक मिले हैं। कई विषयों में 100 में 100 अंक भी विद्यार्थियों ने समेटे हैं जो अन्य विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत हैं। आइए जानते हैं सफल छात्र-छात्राओं ने क्या किया और कैसे किया जिससे वे परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पाए हैं।
सुबह उठकर पढऩे का मिला लाभ
10वीं की परीक्षा में सेंट्रल एकेडमी झूंसी के राहुल सिंह को सब से अधिक अंक मिले हैं। उन्होंने गणित में 100, विज्ञान में 100, सामाजिक विज्ञान में 100, अंग्रेजी में 97 और हिंदी में 94 अंक हासिल किए हैं। अपनी सफलता के संदर्भ में कहते हैं कि सुबह उठकर पढ़ाई करने का लाभ मिला। करीब एक घंटे अध्ययन के बाद वे स्कूल जाते थे। वहां से लौटकर लंच और थोड़ी देर आराम के बाद फिर पढ़ाई में लग जाते थे। शाम को थोड़ी देर परिवार के लोगों के साथ बैठते फिर रात में स्कूल में पढ़ाई गई चीजों को दोहराते थे। जो बातें नहीं समझ में आती थीं उन्हें अगले दिन स्कूल में टीचर से फिर समझने की कोशिश करते थे। इससे कान्सेप्ट क्लियर हो गया और परीक्षा में किसी तरह की कठिनाई नहीं हुई। वह यह भी कहते हैं कि पिछले वर्ष उनके विद्यालय में टॉपर प्रांजलि सिंह आईं थीं। उनकी बातों से बहुत प्रेरणा मिली।
स्कूल में पढ़ाई गई चीजों को दोहराना फायदेमंद
पतंजलि ऋषिकुलम के समर्थ वाष्र्णेय को गणित में 100, सामाजिक विज्ञान में 99, विज्ञान मे 99, हिंदी में 95, अंग्रेजी में 95 अंक मिले हैं। उन्होंने राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा के पहले चरण को भी क्वालीफाई कर लिया है। बताते हैं कि नियमित पढ़ाई करने से ही सफलता हासिल हुई। उन्होंने स्कूल में पढ़ाई गई चीजों को प्रतिदिन दोहराने का क्रम जारी रखा। इसी का लाभ मिला कि परीक्षा के समय अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ी। स्कूल से लौटकर कोचिंग, कुछ देर आराम फिर पढ़ाई का क्रम रात तक जारी रहता था। यह भी कहते हैं कि एनसीआरटी की किताबों को पढऩे से भी कान्सेप्ट क्लियर हुआ। कभी भी रटने पर बहुत जोर नहीं दिया बल्कि विषय को समझने का प्रयास किया।
नोट्स बनाकर पढऩे से कान्सेप्ट क्लियर हुआ
10वीं में डीपीएस की मिहिका जैन ने भी दमदार प्रदर्शन किया है। उन्हें गणित में 97, हिंदी में 97, अंग्रेजी में 97, विज्ञान में 97, सामाजिक विज्ञान में 100 अंक हासिल हुए हैं। कहती हैं कि प्रतिदिन स्कूल जाना, वहां पढ़ाई गई चीजों को घर लौटकर दोहराना ही सफलता का मूलमंत्र है। परीक्षा के कुछ समय पहले से पुराने पेपरों को लिखकर हल करने से भी बहुत फायदा मिला। अपनी दिनचर्या के संबंध में बताया कि स्कूल से लौटकर थोड़ी देर आराम करती थीं फिर शाम को टेनिस भी खेलती थीं। हां, परीक्षा के समय खेलना बंद कर दिया था। पढ़ाई पर ही पूरा ध्यान देती थीं। क्लास में पढ़ाई गई सभी चीजों को रात में जरूर दोहराती थीं। इससे अगले दिन क्लास में पढ़ाई जाने वाली चीजों को भी समझने में मदद मिलती थी। इसके अलावा रटने की जगह समझने का प्रयास करती थीं। आगे की पढ़ाई मानविकी वर्ग से करने की योजना बनाई है। वे आइएएस बनना चाहती हैं।